गेल इंडिया से बायोगैस सीबीजी का एमओयू, नगर विकास न्यास करेगा गोबर से कमाई

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कोटा। नगर विकास न्यास (UIT) अब गोबर से भी कमाई करेगा। गोबर से बनने वाली बायोगैस को गेल इंडिया एवं राजस्थान स्टेट गेल लिमिडेट को बेचेगा। मंत्री शांति धारीवाल की मौजूदगी में सोमवार को नगर विकास न्यास, गेल इंडिया, राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के अधिकारियों में करार (MOU) हुआ।

इस मौके पर गेल इंडिया के जीएम रणदीप नैन, चीफ मैनेजर, आरएसजीएल के इंचार्ज एसडी ब्रह्म, डीजीएम मौजूद रहे। UDH मंत्री धारीवाल का दावा है कि ये भारत का पहला प्रोजेक्ट है। भारत में कहीं पर भी इस प्रकार का प्रोजेक्ट नहीं कि बायोगैस के लिए गेल इंडिया ने कोई एग्रीमेंट किया है।

दरअसल नगर विकास न्यास ने पशुपालकों के पुनर्वास के लिए धर्मपुरा, बंधा की 105.09 हेक्टेयर जमीन में 300 करोड़ की लागत से देवनारायण नगर एकीकृत आवास योजना विकसित की। इसमें 738 मकानों का निर्माण करवाया गया। साथ पशुओं से गोबर के निस्तारण के लिए 30 करोड़ की लागत से 150 टन प्रतिदिन की क्षमता का गोबर गैस प्लांट लगाया गया।

बायोगैस संयंत्र से रोज 3 हजार किलों बायोगैस ,21 टन जैविक खाद, व 10 हजार लीटर तरल खाद का उत्पादन होगा। वर्तमान में यहां 200 किलों बायोगैस की खपत हो रही है। यहां रहने वाले पशुपालकों के चूल्हे बायोगैस से जल रहे है।

सरप्लस बायोगैस को अब गेल इंडिया को बेचा जाएगा। UDH मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अभी यहां 9 हजार पशु है। आने वाले समय में इनकी संख्या बढ़कर 15 हजार हो जाएगी। यहां पशुपालको से 1 रुपए किलो गोबर खरीदा जा रहा है। गोबर से बनने वाली बायोगैस का पशुपालक उपयोग कर रहे है। पशुपालकों को बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी, गैस से ही रोशनी चलेगी।