दिवाली पर पटाखों से जयपुर, जोधपुर और कोटा समेत 8 शहर सबसे ज्यादा हुए प्रदूषित

0
221

जयपुर। दीपावली पर हुई इस बार आतिशबाजी से राजस्थान के जयपुर और कोटा समेत 8 शहरों की हवा में प्रदूषण के स्तर में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा पॉल्यूशन जोधपुर शहर में बढ़ा है। यह पहली बार इस सीजन में रेड जोन में आ गया। जोधपुर में मंगलवार सुबह 8 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल 300 के पार पहुंच गया। यह दिल्ली एनसीआर के शहरों के बराबर रहा।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) से जारी ताजा आंकड़े देखें तो आज जोधपुर के बाद पाली दूसरा ऐसा शहर रहा, जहां आबोहवा खराब रही। यहां AQI लेवल 262 पर दर्ज हुआ। वहीं, जयपुर में भी कल के मुकाबले AQI लेवल 100 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 257 पर पहुंच गया। राजधानी में करीब 64 फीसदी प्रदूषण बढ़ गया।

जयपुर में पॉल्यूशन के बाद सुबह करीब 8 बजे तक आसमान में धुंध देखी गई। हालांकि सूरज निकलने के साथ ही धुंध छट गई और आसमान कुछ साफ हो गया। इससे पहले रात में आतिशबाजी के कारण शहर में जगह-जगह धुआं होने से अस्थमा मरीजों को भी परेशानी हुई। जयपुर में अलग-अलग तीन जगहों पर प्रदूषण का स्तर मापा जाता है, जिसमें आदर्श नगर एरिया में सुबह 8 बजे सबसे ज्यादा 257 लेवल रहा। जबकि पुलिस कमीश्नरेट के आस-पास 255 और शास्त्री नगर में 207 लेवल रहा।

राजस्थान के आठ शहरों के प्रदूषण की स्थिति

शहरAQI लेवल (24 अक्टूबर)AQI लेवल (25 अक्टूबर)
जयपुर141257
अजमेर126225
अलवर88141
जोधपुर146313
कोटा184238
पाली117262
उदयपुर113196
भिवाड़ी224218

जयपुर में प्रदूषण 200 के ऊपर: जयपुर, पाली, शहर में कल तक प्रदूषण का स्तर 150 से नीचे था, वह आज बढ़कर 200 के ऊपर चला गया। केवल उदयपुर और अलवर ही ऐसे शहर रहे, जहां AQI लेवल 200 से नीचे रहा। उदयपुर में AQI लेवल 196 जबकि अलवर में 141 रहा।

150 से ऊपर रहता है खराब: AQI को इसकी रीडिंग के आधार पर छह कैटेगरी में बांटा गया है। 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

ये जिले ऑरेंज जोन में: जयपुर, कोटा, पाली, भिवाड़ी, अजमेर शहर आज ऑरेंज जोन में है, जबकि जोधपुर रेड जोन में आ गया। वहीं अलवर और उदयपुर आज येल्लो जोन में है। एक दिन पहले अलवर ग्रीन जोन में था, जहां AQI लेवल 100 से नीचे था।