कोटा दशहरा 2022: अभिलिप्सा ने शरद पूर्णिमा की शाम बहाई भजनों की सरिता

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कोटा। मेला दशहरा में रविवार को हर हर शम्भू भजन गूंज उठा। प्रख्यात भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा ने एक से बढ़कर एक भजनों की ऐसी प्रस्तुति दी कि शरद पूर्णिमा की बादलों भरी रात में आध्यात्म की सरिता बह निकली।

अभिलिप्सा ने मंच पर आते ही सभी वाद्य यंत्रों को प्रणाम किया। इसके बाद श्रोताओं को प्रणाम करते हुए देर से आने के लिए क्षमा याचना की। उन्होंने कहा कि आपका प्यार आशीर्वाद ऐसे ही बनाएं रखे। इस दौरान थेगडा धाम के सनातन पुरी महाराज, नरेश विजयवर्गीय, नेवालाल गुर्जर, पं सुरेंद्र शर्मा, मेला समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा, उप महापौर पवन मीणा, अनिल सुवालका, इसरार मोहम्मद, अनूप कुमार, अजय सुमन, चेतना माथुर, भगवती कुमारी, मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह, सहायक मेला अधिकारी मुख्य अभियंता प्रेमशंकर शर्मा, उपायुक्त दयावती सैनी, अतिरिक्त आयुक्त अंबालाल मीणा ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

भजन संध्या की शुरुआत करते हुए अभिलिप्सा ने सर्वप्रथम गणेश वंदना “वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभु.. ” गाया। इसके बाद उन्होंने अपना ही सुपर हिट भजन “कर्पूरगौरं करुणावतारं सदा वसंतं हृदयार्विंदे…” गाया तो श्रोताओं की ओर से वंस मोर की आवाजें आने लगी। भजन संध्या के दौरान कईं बार यही भजन गाने की मांगें उठती रही। तब अभिलिप्सा ने कहा, सबको पंजाबी ढोल पर साथ में नाचना पड़ेगा। फिर तो पंडाल में हर कोई थिरकता हुआ नजर आया।