कोटा। मां भारती जन कल्याण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दिनेश विजय ने बताया कि राष्ट्रीय रक्तदान दिवस (National Blood Donation day) 1 अक्टूबर पर रक्तदान के क्षेत्र में कार्यशील 100 एसडीपी डोनर्स (SDP Donors) को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन महावीर नगर थर्ड सेक्टर आठ स्थित एमबी इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में दोपहर 3 बजे प्रारंभ होगा। उसमे शहर के सभी गणमान्य लोग व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
उपाध्यक्ष दिनेश विजय ने यह जानकारी शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। इस अवसर पर रक्तदान शिविर आयोजित करने वाली संस्थाओं को भी सम्मान से नवाजा जाएगा और रक्तदान में जाग्रति के लिए निरंतर क्रियाशील सक्रिय रक्तवीरों को भी नवाजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इनमें शहर के वे युवा शामिल होंगे, जिन्होंने गत तीन माह में बिना किसी समय की परवाह किए, तुरंत देर रात अलसुबह ब्लड बैंक पहुंचकर एसडीपी का दान किया। इसमें सबसे कम उम्र की एलेन की छात्रा नोएडा निवासी मोना चौधरी और सबसे अधिक उम्र तक निरंतर एसडीपी डोनेट करने वाले धीरेंद्र पोरवाल शामिल रहेंगे।
कोटा में प्रतिवर्ष 80 से 90 हजार यूनिट रक्तदान
विजय ने बताया कि कोटा में प्रतिवर्ष 80 से 90 हजार यूनिट रक्त का संग्रह होता है। कोटा में 11 ब्लड बैंक है जो इस लक्ष्य की पूर्ति करते हैं। इनमें से एमबीएस व मेडिकल कॉलेज के दो सरकारी ब्लड बैंक के अलावा तलवंडी स्थित अपना ब्लड बैंक सहित 9 निजी क्षेत्र के ब्लड बैंक हैं।
तीन लोगों का जीवन बचाता है रक्त
दिनेश विजय ने बताया कि एक यूनिट रक्त तीन लोगों के जीवन को बचाता है। एक यूनिट रक्त से प्लेटलेट, पीआरवीसी और प्लाज्मा मिलता है जो आवश्यकता अनुसार मरीज को चढाया जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्लेटलेट है, साथ ही यहां लाइव डोनर का महत्व भी अधिक है जो सीधा ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान करता है। वहीं प्लाज्मा भी चिकित्सकों की सलाह पर चढाया जाता है, जिसकी आवश्यकता कोविड के दौरान अत्याधिक देखने को मिली।
कौन कर सकता है रक्तदान
टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के रीजन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि रक्त ही जीवन को बचाने का वह दृव्य है जो ईश्वरीय वरदान है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। 18 से 60 वर्ष की आयु वाला व्यक्ति, जिसका हिमोग्लोबिन 12.5 हो, वजन 45 किलो हो, पल्सरेट 60/100 हो, बीपी सामान्य हो, शरीर का तापमान 37.5 डिग्री से अधिक हो वह रक्तदान कर सकता है। इसके अलावा एचआईवी पीड़ित, मलेरिया से ग्रस्त, हेपेटाइटस बी व सी, सिफिलिस (वीडीआरएल) जैसी कई अन्य बीमारियों से ग्रसित रोगी रक्तदान नहीं कर सकता।
164 बार डोनेशन कर चुके हैं भुवनेश गुप्ता
भुवनेश गुप्ता अब तक 164 बार अपने शरीर के अमूल्य दृव्य का डोनेशन कर चुके हैं, जिसमें 104 बार रक्त और 60 बार एसडीपी अब तक दे चुके हैं और लोगों के जीवन में नया उजाला लाए हैं। गुप्ता को अब तक 1500 से भी अधिक बार सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें एक बार उपराष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय लेवल पर सम्मानित किया, इसके अलावा, दिल्ली, चैन्नई, हरियाणा करनाल, सहित देश के कई हिस्सों में व प्रदेश में अनगिनत जगह भुवनेश गुप्ता का रक्तदान के क्षेत्र में सरानीय कार्य के चलते नवाजा गया है।
पत्रकार हरिमोहन शर्मा ने किया 64वां रक्तदान
पत्रकार वार्ता के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया जब प्रेस क्लब के पूर्व सचिव और पत्रकार हरिमोहन शर्मा अचानक अपनी सीट से उठे और मौके पर ही रक्दान कर दिया। थोड़ी देर बाद वह हंसते हुए उठे और बोले यह उनका 64वां रक्तदान था। उनका यह रक्तदान एक मिसाल था, जो रक्तदान से डरते हैं।