कोटा। शहर के व्यापारियों एवं उद्यमियों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पैकिंग खाद्यान्नों को जीएसटी के दायरे में लाया गया तो व्यापारियों को मजबूरन आंदोलन की राह पर आना पड़ेगा। वाणिज्यिक कर विभाग के संभागीय कार्यालय पर आज कोटा व्यापार महासंघ, दी एसएसआई एसोसिएशन, सीए एसोसिएशन एवं टैक्स बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बैठक में पैकिंग खाद्यान्नों को जीएसटी के दायरे में लेने और पुरानी बकाया मांगों का निस्तारण नहीं करने पर विरोध दर्ज कराया गया।
बैठक में कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि सरकार की एमनेस्टी स्कीम का लाभ व्यवसायियों को पूरी तरह नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि 2010 के बाद भी बकाया मांगों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। विभाग द्वारा बार-बार तथ्य पेश करने के बावजूद उन पर अमल नहीं किया जा रहा है, जिससे व्यापारियों उद्यमियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्हें बार-बार विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कई व्यवसायियों द्वारा खानापूर्ति उचित समय कर देने के बावजूद भी 10 से 15 वर्ष पुरानी बकाया राशि निकाली गयी है जिसका रिकॉर्ड न तो विभाग के पास है, न ही व्यापारी के पास। ऐसी तथ्यहीन मांगों को तुरंत प्रभाव से खत्म कर दिया जाना चाहिए, ताकि विभाग एवं व्यवसाय दोनों जो इन झमेलो में फंसे हुए हैं, उन्हें राहत मिल सके।
दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल, अध्यक्ष राजकुमार जैन ने कहा कि एमनेस्टी स्कीम राज्य सरकार की अभूतपूर्व स्कीम है, जिसका अधिकाधिक लाभ व्यवहारियों को मिलना चाहिए, लेकिन उस अनुपात में इस दिशा में कार्य नहीं हो पा रहा है। वाणिज्य कर विभाग त्वरित कदम उठाएं और कैंप के माध्यम से एक बार में इन सभी मामलों का निस्तारण करे।
वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त शंभू दयाल मीणा, उपायुक्त अनुपम शर्मा एवं संयुक्त आयुक्त शिवेंद्र कुमार सक्सेना ने व्यापारियों और उद्यमियों को बताया कि कोटा संभाग में विभिन्न हेड्स में 569.53 करोड़ की पुरानी बकाया माँग के निस्तारण के लिए एमनेस्टी स्कीम 2022 के अंतर्गत 9967 आवेदन विभाग को प्राप्त हो चुके हैं। जिनमें से कुल 4756 आवेदनों का निस्तारण विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जा चुका है। कुल 17.65 करोड़ की राशि With Interest Waive की जा चुकी है।
कोटा व्यापार महासघ, दी एसएसआई एसोसिएशन, कोटा मोटर व्हीकल डीलर्स एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, कोटा ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन, सीए एसोसिएशन एवं टैक्स बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित करने पर जोर देते हुये निर्णय लिया गया कि एमनेस्टी स्कीम 2022 के परिप्रेक्ष्य में 18 से 20 जुलाई तक बकाया मांगों के निस्तारण हेतु कैंप का आयोजित किया जायेगा।
वाणिज्य कर विभाग कोटा के अधिकारी, व्यापारिक, औद्योगिक संगठन, सीए एसोसिएशन टैक्स बार एसोसिएशन इसमें पूरा सहयोग करेगी। कैंप के आयोजन हेतु उपायुक्त अनुपम शर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि सरकार द्वारा 18 जुलाई से पैकिंग खाद्यान्न को भी जीएसटी के दायरे में लाकर उस पर 5% जीएसटी लागू की जा रही है, जिससे आम जनता खुदरा व्यापारियों पर भारी असर पड़ेगा। उन्होंने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि उनका पक्ष जीएसटी काउंसलिंग तक भेजा जाए। अगर पैकिंग खाद्यान्नों को जीएसटी के दायरे में लाया गया तो व्यापारियों को मजबूरन आंदोलन की राह पर आना पड़ेगा।
कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कोटा ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेंन्ट्स एसोसिएशन की इस मांग का पूरा समर्थन करते हुए कहा कि जीएसटी काउंसलिंग को इन व्यापारियों की मांग को उचित मानते हुए इस तरह का कोई भी टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। अगर इस तरह का कोई टैक्स लगाया जाता है तो इसके तहत चलाए जाने वाले हर आंदोलन को कोटा व्यापार महासंघ अपना पूर्ण समर्थन देगा।