नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में अब डिजिटल हस्ताक्षर के स्थान पर ई-सिग्नेचर चलेंगे। यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए ईपीएफओ कमिश्नर संजय केसरी ने मध्य प्रदेश के चार हजार से अधिक नियोक्ताओं को गाइडलाइन भेज दी है। इन सभी नियोक्ताओं से करीब ढाई लाख कर्मचारी संबद्ध हैं।
केसरी ने बताया कि जैसे आयकर विभाग में रिटर्न दाखिल करने के लिए ई-सिग्नेचर काम करता है। उसी तर्ज पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। ईपीएफओ कमिश्नर संजय केसरी ने बताया कि जिस प्रकार आयकर विभाग में रिटर्न दाखिल करने के लिए ई-सिग्नेचर काम करता है। उसी तर्ज पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
डिजिटल सिग्नेचर में ‘जावा इंस्टॉलेशन, वर्जन कंट्रोल एवं ब्राउजर सेटिंग” जैसी तकनीकी औपचारिकताओं के चलते बड़ी दिक्कतें आ रही थीं। इसके लिए करीब 800 रुपए का डोंगल भी खरीदना पड़ता था, लेकिन अब ई-सिग्नेचर व्यवस्था में इसे ‘आधार” के साथ जोड़ दिया जाएगा।
नियोक्ता को एक बार रजिस्ट्रेशन के लिए ईपीएफओ दफ्तर आना होगा, यदि रजिस्ट्रेशन है तो जैसे ही ई-सिग्नेचर की प्रक्रिया शुरू करेंगे। तुरंत मोबाइल नंबर पर (वन टाइम पासवर्ड) ओटीपी आ जाएगा। सत्यापन के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभाग द्वारा सभी नियोक्ताओं को गाइडलाइन भेज दी गई है।
ईपीएफओ दिल्ली से भेजी गई अधिसूचना भी सभी को भेज रहे हैं। ईपीएफओ कमिश्नर ने बताया कि उनके यहां पंजीबद्ध करीब चार हजार से अधिक नियोक्ताओं को नई व्यवस्था से सुविधा हो जाएगी।