12 राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था आगे बढ़ाने की मांग पर फैसला नहीं

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चंडीगढ़। दलीय सीमाओं से इतर करीब 12 राज्यों ने बुधवार को जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था 30 जून के बाद भी जारी रखने की मांग की लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने से राज्यों को होने वाली राजस्व क्षति की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया था। पांच साल के लिए लागू किया गया यह प्रावधान 30 जून, 2022 को खत्म हो रहा है।

जीएसटी संबंधी मामलों में फैसला करने वाली इकाई जीएसटी परिषद की यहां संपन्न दो-दिवसीय बैठक में क्षतिपूर्ति व्यवस्था को आगे भी बढ़ाने का मुद्दा छाया रहा। इसकी मांग करने वालों में विपक्ष-शासित राज्यों के साथ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले राज्य भी शामिल हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि 16 राज्यों के प्रतिनिधियों ने क्षतिपूर्ति का मुद्दा उठाया। इनमें से तीन-चार राज्यों ने क्षतिपूर्ति व्यवस्था से बाहर निकलने के लिये स्वयं के राजस्व स्रोत विकसित करने की बात कही।

वहीं करीब 12 राज्यों ने क्षतिपूर्ति व्यवस्था को आगे भी जारी रखने की मांग रखी। केंद्र ने इस बारे में अपने रुख का खुलासा नहीं किया है। देश में एक जुलाई, 2017 को जीएसटी प्रणाली लागू होने के साथ यह निर्णय किया गया था कि राज्यों को इस नई कर व्यवस्था से राजस्व का नुकसान होने पर पांच साल तक उसकी क्षतिपूर्ति की जाएगी।

महामारी के कारण पिछले दो साल आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित रहने का हवाला देते हुए कई राज्यों ने इस व्यवस्था को आगे भी जारी रखने की मांग की है। इस बारे में जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा की गई लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।