नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जल्द ही सहकारी बैंकों के ग्राहकों को भी मिलेगा। इसके लिए सहकारी बैंकों को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) से जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। 52 मंत्रालयों की ओर से संचालित 300 योजनाओं के लाभ डीबीटी के जरिये लाभार्थियों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
शाह ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में हुए सुधारों से देश के प्रत्येक नागरिक को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिल रहा है। जनधन योजना के चलते 45 करोड़ नए लोगों का खाता खुला है। ऐसे 32 करोड़ लोगों को रूपे डेबिट कार्ड मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि का संकल्प’ से इसे पूरा करने में मदद मिली है। शाह ने कहा, देश की समृद्धि और आर्थिक उत्थान में सहकारिता क्षेत्र का अहम योगदान होगा। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए करोड़ों नए खातों का डिजिटल लेन देन एक ट्रिलियन डालर को भी पार कर गया है। वर्ष 2017-18 के डिजिटल लेन-देन के मुकाबले इनमें 50 गुना की बढ़ोतरी हुई है। सहकारी बैंकों के डीबीटी से जुड़ने से नागरिकों के साथ और संपर्क बढ़ेगा और सहकारिता क्षेत्र मजबूत होगा।
गुजरात स्टेट को-आपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक (खेती बैंक) के 71वें वर्ष में प्रवेश पर केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने बधाई देते हुए बैंक के ऐतिहासिक महत्व का विस्तार से जिक्र किया। साहूकारों के चंगुल से बचाने में इस बैंक ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
पहले के मुकाबले सस्ता हुआ ऋण: अमित शाह ने कहा कि आरबीआइ और नाबार्ड ने बैंकिंग के जितने मानदंड बनाए हैं, उन सभी मानकों पर खेती बैंक ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पहले बैंक से 12 से 15 प्रतिशत की ब्याज पर ऋण मिलता था जो अब घटकर 10 प्रतिशत तक आ गया है। इसके साथ नियमित ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों को दो प्रतिशत की रियायत भी दी जाती है।