ज्ञानवापी शिवलिंग की पूजा से रोकने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का अनशन

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वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए आज ज्ञानवापी जाने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ से बाहर निकलने से रोक दिया। इससे नाराज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मठ के दरवाजे पर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जबतक हम दर्शन-पूजन नहीं कर लेते तब तक हम अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। इधर, एसीपी भेलूपुर, एसीपी सुरक्षा, एसीपी दशाश्वमेध सहित 10 थाने की फोर्स के साथ एलआईयू और पीएसी के जवान तैनात हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि एक बार कोई पूजा के लिए निकल जाता है तो बिना पूजा किए भोजन नहीं करता है। हम भी पूजा के लिए निकल चुके थे। अब जबतक पूजा नहीं कर लेते भोजन नहीं कर सकते हैं। अब मठ में वापस भी नहीं जा सकते हैं। इसलिए पूजा की इजाजत मिलने तक गेट पर ही बैठेंगे।

मीडिया से बात करते हुए कहा कि या तो ज्ञानवापी के शिवलिंग की उन्हें पूजा करने दिया जाए, या फिर प्रशासन पूजा-पाठ कर उन्हें अवगत कराए। अगर मामला कोर्ट में लंबित है तो क्या हमारे भगवान तब तक भूखे रहेंगे। कहा कि मुझे पूजा से मतलब है। पूजा के अधिकार मिलने से मतलब नहीं है। जो न्यायालय में दूसरे पक्षकार जा रहे हैं, वो पूजा का अधिकार मांग रहे है। न्यायालय में दो महीने बाद उनको अधिकार मिलेगा। हम कोई अधिकार नहीं मांग रहे हैं। हम भगवान की पूजा की मांग रहे हैं। हमारी इस भावना को क्यों नहीं सुना और समझा जा रहा है।

विद्यामठ के पास फोर्स तैनात: श्री विद्यामठ क्षेत्र छावनी में तब्दील है। भारी संख्या में फोर्स तैनात है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूजा के लिए पुलिस कमिश्नरेट से इजाजत मांगी थी जिसको खारिज कर दिया गया था। शुक्रवार शाम से कई थानों की पुलिस ने उनके श्री विद्यामठ के आसपास तगड़ी घेराबंदी कर रखी है।

मठ की ओर आने-जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई है। शिवलिंग की पूजा के लिए इजाजत मांगने पर पुलिस उपायुक्त काशी जोन आरएस गौतम ने एक प्रेस नोट जारी किया। इसमें पुलिस ने साफ तौर पर कहा गया है कि जिस जगह की इजाजत मांगी जा रही है, वह परिसर कोर्ट में वाद विचाराधीन है।

उक्त जगह कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है और सीआरपीएफ की सुरक्षा घेरे में है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर शांति और कानून व्यवस्था के दृष्टिकोण से प्रार्थना पत्र को निरस्त किया जाता है। इसके बावजूद यदि कोई कानून का उल्लंघन और शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गंगा के रास्ते ज्ञानवापी जाने का था एलान: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया था कि वह शंकराचार्य के आदेश पर शनिवार को श्री विद्यामठ से सुबह 8:30 बजे नौका से केदारघाट से ललिताघाट पहुंचेंगे। वहां से गंगाजल लेकर शिवलिंग की पूजा के लिए जाएंगे। उनके साथ एक ब्रह्मचारी, 64 भक्त और पांच पंडित रहेंगे। उन्होंने कहा कि वो किसी भी तरह का उन्माद या अशांति नहीं फैलाएंगे, लेकिन वो पूजा करने जरूर जाएंगे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूजा के लिए पुलिस कमिश्नरेट से इजाजत मांगी थी जिसको खारिज कर दिया गया। बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी परिसर स्थित जिस स्थान पर जाकर पूजा-अर्चना की अनुमति मांगी थी, वह अदालत के आदेश से 16 मई से ही सील है। उस स्थान से संबंधित मुकदमा अदालत में विचाराधीन है।