कोटा। स्पिक मैके के संस्थापक पद्मश्री डॉ.किरण सेठ की कोटा यात्रा के दौरान स्वागत और अभिनन्दन के तहत रविवार को कई कार्यक्रम हुए। डॉ.किरण सेठ ने राजस्थान चैप्टर के पदाधिकारियों को हाइब्रिड मोड पर मीटिंग ली तथा शाम को रोटरी बिनानी सभागार में डॉ.सेठ का नागरिक अभिनन्दन एवं पं.विश्वमोहन भट्ट द्वारा मोहन वीणा वादन की प्रस्तुति दी गई।
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में राजस्थान चैप्टर्स के सदस्यों की हाइब्रिड मोड पर मीटिंग में स्पिक मैके के वालिंटीयर्स और चैप्टर के सदस्य शामिल हुए। इस अवसर पर डॉ.किरण सेठ ने कहा कि मैंने 1977 में यह संकल्प शुरू किया और अभी यह बहुत अच्छा चल भी रहा है। लेकिन, फिर भी इसमें नई ऊर्जा के संचार की जरूरत महसूस हो रही थी। मुझे लगा कि मैं साइकिल से यात्रा करते हुए मेरे इस संकल्प में साथ दे रहे लोगों में ऊर्जा का संचार कर सकूंगा।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश हो कि पूरे देश में हर विद्यार्थी भारतीय संस्कृति और विरासत से परिचित हो। हमारे शास्त्रीय संगीत, संस्कार और योग में बहुत ताकत है, इससे युवा पीढ़ी को परिचय करवाने की जरूरत है। यदि हमारे आने वाली पीढ़ी हमारी विरासत और संस्कारों से परिचित हो जाएगी तो हमारी प्रगति सुनिश्चित है और आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
इस अवसर पर स्पिक मैके द्वारा सरकारी स्कूलों में प्रस्तुतियों के लिए शुरू किए गए वर्कशॉप डेमोंस्ट्रेशन कार्यक्रम को लेकर भी चर्चा की गई। कोटा चैप्टर अध्यक्ष अशोक जैन ने इसे पूरे भारत में लागू करने की मांग की। इसके अलावा राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के अध्यक्षों ने भी इसे सराहा।
रविवार शाम को डॉ.किरण सेठ का व्याख्यान व अभिनन्दन रोटरी क्लब सेमिनार हॉल में किया गया। यहां आमजन के साथ-साथ स्पिक मैके से जुड़े सदस्य भी मौजूद रहे और सभी ने मिलकर डॉ.किरण सेठ द्वारा चलाई जा रही मुहीम का स्वागत किया। चम्बल फर्टीलाइजर्स से उपाध्यक्ष यूआरसिंह, बख्शीज स्प्रिंगडेल्स से निदेशक, रोटरी क्लब की टीम, साहित्यकारों की ओर से साहित्यकार सुधा मिश्रा और महेश शर्मा के साथ स्पिक मैके कोटा चैप्टर द्वारा डॉ.सेठ को माला पहनाकर और दुपट्टा भेंट कर अभिनन्दन किया गया। इस दौरान शहरवासियों ने भारतीय विरासत और संस्कृति के संचार में उनके योगदान को सराहा।
पं.भट्ट की मोहन वीणा के सुर गुंजे
रोटरी बिनानी सभागार में रविवार की शाम और अधिक आनन्ददायक तब हो गई जब ग्रेमी अवार्ड विजेता पं.विश्वमोहन भट्ट ने मोहन वीणा की प्रस्तुति दी। पं.भट्ट ने सबसे पहले डॉ.किरण सेठ के योगदान को सराहा और कहा कि आज इन्हीं की बदौलत शास्त्रीय संगीत और देश की विरासत जन-जन तक पहुंच पा रही है। सरकारी स्कूलों के बच्चे नृत्य, गायन और वादन की विभिन्न कलाओं से परिचित हो रहे हैं। इसे बनाए रखना होगा। पं.भट्ट ने स्वयं द्वारा तैयार की गई विश्वरंजनी राग की प्रस्तुति दी, जिसमें आलाप, जोड़ और झाला के साथ श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तंत्रकारी के साथ गायकी अंग का समावेश करते हुए उन्होंने इस वादन को और अधिक मधुर बना दिया। बीच-बीच में ली हुई तिहाइयां और नीड का उपयोग बहुत सुंदर रहा। तबले पर पं.विश्वमोहन के साथ अभिषेक मिश्रा थे। उन्होंने तीन ताल में दो बंदिशें प्रस्तुत कीं। अंत में राग मांड में केसरिया बालम पधारो म्हारे देस…बजाया।
सहोदय कॉम्पलेक्स में व्याख्यान आज
सीबीएसई सहोदय कॉम्पलेक्स के स्कूल प्रिंसिपल्स के साथ डॉ.किरण सेठ का व्याख्यान सोमवार सुबह 11 बजे लॉरेन्स एण्ड मेयो पब्लिक स्कूल श्रीनाथपुरम में होगा। इस दौरान वर्तमान शिक्षा और विरासत व संस्कृति जैसे विषयों पर बातचीत होगी।