नई दिल्ली। अगले पांच वर्षों में जापान भारत में 5 ट्रिलियन येन यानी 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कही। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। दोनों नेताओं ने दिन में भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता भी की।
पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया अभी भी कोविड -19 महामारी और इसके दुष्प्रभावों से जूझ रही है। वैश्विक आर्थिक सुधार की प्रक्रिया में अभी भी बाधाएं हैं। भू-राजनीतिक घटनाएं भी नई चुनौतियां पेश कर रही हैं।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत-जापान साझेदारी को गहरा करने से भारत-प्रशांत क्षेत्र में और वैश्विक स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी और पीएम फुमियो किशिदा के बीच बातचीत के बाद भारत और जापान ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी और पीएम किशिदा के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों ने स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की भी घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा, “भारत और जापान एक सुरक्षित, भरोसेमंद, अनुमानित और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति के महत्व को समझते हैं।”
दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के अलावा दोनों नेताओं ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण सहित अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। यूक्रेन पर रूसी हमलों का जिक्र करते हुए जापानी पीएम किशिदा ने कहा, “बल का इस्तेमाल कर यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
जापानी पीएम ने कहा, “यूक्रेन पर रूस का आक्रमण एक बहुत ही गंभीर घटना है जिसने अंतरराष्ट्रीय नियमों और विश्व व्यवस्था की जड़ों को हिला दिया है। हमें बल के इस्तेमाल से किसी भी तरह के एकतरफा बदलाव को रोकने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।” जापानी पीएम किशिदा, एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ, जापानी सरकार के प्रमुख के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा पर शनिवार को दोपहर लगभग 3:40 बजे दिल्ली पहुंचे।