चीन की कंपनी हुआवेई ने भारत में टैक्स चोरी के लिए अपनाए कई हथकंडे, छापेमारी से खुलासा

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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने चीनी फर्म हुआवेई द्वारा कर चोरी का पता लगाया है। विभाग के मुताबिक, 400 करोड़ रुपये की आय को कम मार्जिन बताते हुए और संबंधित पक्षों को 350 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का भुगतान किया गया है।

आयकर विभाग ने 15 फरवरी को हुआवेई समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था। दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। मुख्य व्यावसायिक परिसर के साथ-साथ प्रमुख पदाधिकारियों के आवासीय परिसर की भी तलाशी ली गई।

छापेमारी से इकट्ठा किए गए साक्ष्य और दर्ज किए गए बयानों से यह भी पता चला कि हुआवेई ग्रुप में से एक कंपनी संबंधित पक्षों से कम शुद्ध मार्जिन का खुलासा कर रही है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य से 400 करोड़ रुपये की आय के दमन का पता चला है।” हालांकि मंत्रालय ने कंपनी का नाम नहीं बताया है।

तलाशी के दौरान यह पाया गया कि इस ग्रुप ने हाल के वित्तीय वर्षों में अपने संबंधित पक्ष को रॉयल्टी के लिए अपने खाते की पुस्तकों में 350 करोड़ रुपये से अधिक डेबिट किए हैं। इस तरह के खर्च ब्रांड और तकनीकी जानकारी से संबंधित वस्तुओं के उपयोग के लिए किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा, “हुआवेई ऐसी किसी भी सेवा/तकनीकी जानकारी जानकारी देने में विफल रहा जो रॉयल्टी दर को प्रमाणित करते हों।”

छापेमारी के दौरान यह भी पता चला है कि इस ग्रुप ने भारत के बाहर अपने संबंधित पक्षों से तकनीकी सेवाओं की प्राप्ति के खिलाफ बढ़े हुए भुगतान किए हैं। निर्धारिती कंपनी ऐसी कथित तकनीकी सेवाओं को प्राप्त करने की वास्तविकता को सही नहीं ठहरा सकती जिसके बदले भुगतान किया गया है। इसमें कहा गया है कि निर्धारिती कंपनी द्वारा ऐसी सेवाओं की प्राप्ति के लिए पांच साल की अवधि में 129 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि समूह ने भारत में अपनी कर योग्य आय को कम करने के लिए खर्च के लिए विभिन्न हथचंडे अपनाए हैं। जांच के दौरान यह ग्रुप ऐसे दावों के लिए कोई पर्याप्त सबूत प्रदान करने में विफल रहा है।