नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, कल आबू धाबी पहुंचे थे और आज भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के साथ उन्होंने फेडरल नेशनल काउंसिल के स्पीकर से मुलाकात की ।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, बिरला ने कहा कि 2015 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नए आयाम स्थापित हुए और 2017 में एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच राजनीति, व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों के साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध बढ़े हैं । पिछले साल आयोजित 5वें विश्व अध्यक्ष सम्मेलन का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि हमने परस्पर हित के लिए द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की थी और अब हमें आपसी हित के अन्य क्षेत्रों में भी अपने मैत्री संबंधों का विस्तार करना चाहिए ।
दोनों देशों के बीच भविष्य में भी मैत्रीपूर्ण संबंधों बने रहने के बारे में दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हुए, बिरला ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात अक्षय ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सतत अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य-तकनीक और शिक्षा-तकनीक जैसे नए और उभरते हुए क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत कर सकते हैं।
इस अवसर पर बिरला ने संयुक्त अरब अमीरात को कोविड महामारी के दौरान उनके द्वारा भारतीय समुदाय को दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया । इस बात का उल्लेख करते हुए कि द्विपक्षीय व्यापार दोनों देशों के बीच सुदृढ़ संबंधों का आधार रहा है, लोक सभा अध्यक्ष ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और आबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के नेतृत्व में हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार समझौते अर्थात् व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) का उल्लेख करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस समझौते से भारत और यूएई के बीच आर्थिक संबंध नई ऊंचाइयां छुएंगे।
इससे पहले बिरला ने भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के साथ आज आबू धाबी में वहात अल करमा का दौरा किया और संयुक्त अरब अमीरात और अन्य अमीरात के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने देश की सेवा में वीर सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान का स्मरण किया ।