मोदी सरकार इस संबंध में एक टेंपलेट पर काम कर रही है, इसमें टैक्सपेयर्स को अनिवार्य रूप से अपना फीडबैक देना होगा
नई दिल्ली।अब आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन भरेंगे तो आपको सरकार की सर्विस की रेटिंग इस पैमाने पर करने का मौका मिल सकता है कि प्रोसेस सरल था या नहीं और रिफंड पाने में मुश्किल हो रही है या नहीं।
मोदी सरकार इस संबंध में एक टेंपलेट पर काम कर रही है। इसमें टैक्सपेयर्स को अनिवार्य रूप से अपना फीडबैक देना होगा। हाल में ज्वाइंट सेक्रटरी और अडिशनल सेक्रटरी लेवल के अधिकारियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
मीटिंग में बातचीत के दौरान एक अधिकारी ने मॉरिशस का उदाहरण दिया था और इस बात पर जोर दिया था कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के साथ टैक्सपेयर के संतुष्ट होने के बारे में सर्वे कराया जाना चाहिए।
मीटिंग में मौजूद रहे सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने इसका स्वागत किया और यह सुझाव दिया कि ऐसा सर्वे सरकार की ओर से दी जा रही सभी ऑनलाइन सेवाओं के बारे में कराया जाना चाहिए।
इसके बाद फाइनैंस मिनिस्ट्री ने इस पर काम करने का निर्देश दिया था। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘इसमें कोई बड़ी लागत नहीं लगने वाली है। इसमें केवल टेक्निकल ऐंड पर मामूली सा बदलाव करना होगा।
हर टैक्सपेयर को 5 के पैमाने पर संतुष्टि की रेटिंग करनी होगी। इसके बाद ऐसा सर्वे ऑनलाइन दी जा रहीं सभी टैक्सेशन सर्विसेज के साथ जोड़ा जाएगा।’
पिछले साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स ने फिक्की और केपीएमजी के जरिए टैक्सपेयर्स सर्वे कराया था। वह अब तक सरकार की ओर से कराया गया पहला ऐसा सर्वे था।
हालांकि उसमें 40 से 45 हजार टैक्सपेयर्स का सैंपल साइज रखा गया था और पिछले दो वर्षों में किए गए रिफॉर्म्स के असर पर फीडबैक लिया गया था।
उसकी प्रश्नावली विभाग के सीनियर और जूनियर अधिकारियों के साथ बातचीत, विवाद के निपटारे, इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी रिफंड क्लेम्स आदि पर केंद्रित थी।
उससे मिले जवाब से पता चला था कि 45 फीसदी लोगों ने कमिश्नर लेवल और उससे ऊंचे अधिकारियों के बर्ताव में बदलाव आने की बात कही थी और 51 फीसदी ने ग्राउंड लेवल पर हालात बेहतर होने की बात कही थी।