कंपनियों, टैक्सपेयर्स को 15 नवंबर तक बताना होगा इनकम का अनुमान

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की ओर से जारी एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में इनकम और चुकाए गए एडवांस टैक्स के विवरण देने के लिए फॉर्म 28AA भरने पर 29 सितंबर तक राय मांगी गई है

नई दिल्ली। अपने एकाउंट्स की ऑडिटिंग करवाने वाली कंपनियों और टैक्सपेयर्स को फाइनेंशियल ईयर के छह महीनों के लिए इनकम के अनुमान और टैक्स देनदारी की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 15 नवंबर तक देनी होगी। इस कदम का मकसद रेवेन्यू के फ्लो पर करीबी नजर रखना है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की ओर से जारी एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में इनकम और चुकाए गए एडवांस टैक्स के विवरण देने के लिए फॉर्म 28AA भरने पर 29 सितंबर तक राय मांगी गई है।

इसके अलावा कारोबारियों को पिछले फाइनेंशियल ईयर की तुलना में एडवांस टैक्स के भुगतान में किसी कमी के कारण भी बताने होंगे। इस जानकारी से टैक्स डिपार्टमेंट को लगभग वास्तविक समय में फर्म की इनकम के ट्रेंड का पता लगाने में मदद मिलेगी।

जिन मामलों में कुल इनकम पिछले फाइनेंशियल ईयर की तुलना में 5 लाख रुपये तक या 10 पर्सेंट, जो भी अधिक है, घटी है, उनमें टैक्सपेयर्स को अप्रैल-दिसंबर की अवधि के लिए 31 जनवरी तक इनकम और टैक्स देनदारी का इसी तरह का विवरण देना होगा।

मौजूदा सिस्टम में, टैक्सपेयर्स को पूरे फाइनेंशियल ईयर के लिए देनदारी वाले इनकम टैक्स पर एडवांस टैक्स चार किस्तों में चुकाना होता है। इन किस्तों का भुगतान 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च तक किया जाता है।
CBDT की योजना इनकम टैक्स रूल्स में रूल 39A को शामिल करने की है।

इसके तहत अपने एकाउंट्स का ऑडिट कराने वाली कंपनियों और टैक्सपेयर्स के लिए इनकम और चुकाए गए टैक्स के विवरण देने वाले फॉर्म 28AA को जमा करना अनिवार्य हो जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम का मकसद टैक्स कलेक्शन पर करीबी नजर रखना है।