नई दिल्ली। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बनारस यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर वीएन मिश्रा ने चेतावनी देते हुए बताया कि डायट में फैट के बिल्कुल भी सेवन न करने से यंगस्टर्स आने वाले समय में अपनी हेल्थ को रिस्क में डाल सकते हैं।
न्यूरोलॉजिस्ट वी एन मिश्रा कहते हैं कि ‘पिछले कुछ सालों में यंगस्टर्स और टीनएजर्स पर इंटरनेट या कहें डिजिटल मीडिया पर वायरल हो रही हेल्थ से रिलेटिड सामग्री का बहुत असर पड़ रहा है जिसे फॉलो कर वे अपनी सेहत के प्रति सजग हो रहे हैं। वे ऐसी चीजों को देख बिना फैक्ट को जांचे-समझे अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में शामिल नहीं करने का फैसला लेते हैं, जो कि उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसा कर भले ही वे वेट गेन न कर पाएं लेकिन दूसरी बीमारियों को न्यौता जरूर देते हैं।’
फैट की कमी से हो सकता है दिमाग को नुकसान
प्रोफेसर वी मिश्रा बताते हैं कि ‘आहार में पर्याप्त मात्रा में ऑइल और फैट यानी वसा का सेवन नहीं करने से नर्वस सिस्टम और ब्रेन यानी दिमाग के लिए खतरा मोल देते हैं।’ ब्नेन हैंपरिंग होने लगता है, या कहें दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता, बोलना कुछ चाहते हैं और निकल कुछ और जाता है, दिमाग अप टू डेट नहीं होता है। फैट शरीर में नहीं होने से याददाश्त कमजोर होती है, शरीर में वीकनेस आती है, सोचने की शक्ति कम होती है, मूड स्विंग्स होते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर पर्याप्त मात्रा में फैट और ऑइल के सेवन की सलाह देते हैं।
विटामिन्स की कमी से सुस्त हो जाएगा मेटाबॉलिज्म
दूसरा फैक्ट डॉक्टर बताते हैं कि वसा में घुलनशील विटामिन्स (fat soluble vitamins) A, D, E और K होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत जरूरी हैं। जब हम इन सभी विटामिन को लेते हैं, तो मेटाबॉलिज्म अच्छा काम करता है।
अगर आप इन्हें पर्याप्त मात्रा में नहीं लेते हैं तो सेहत को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इनकी कमी से मेटाबॉलिज्म डिसफंक्शन या कहें हमारे शरीर का चयापचय सुस्त पड़ जाता है। इससे ब्लीडिंग, स्लो मेंटेशन, पुअर थिंकिंग, लिंब्स में वीकनेस जैसी और भी तमाम समस्याएं शुरू होने लगती हैं।
जरूरी है पर्याप्त मात्रा में फूड इंटेक
डॉ. कहते हैं कि ‘मेरा सुझाव है कि लोगों को अपने फूड इंटेक के बारे में हमेशा सजग रहना चाहिए और उन्हें इस बात का मालूम होना चाहिए कि कौन-सी चीज उनके लिए कितनी मात्रा में जरूरी है। आपको अपने आहार में हाई डेंसिटी लिपिड (high density lipid) लेना चाहिए जिसे शॉर्ट टर्म में HDL बोलते हैं और ये फैट सेहत के लिए बहुत अच्छा है।’ एक्सपर्ट का कहना है कि HDL अच्छा है और LDL खराब स्वस्थ्य से जुड़ा है। LDL खराब वसा का संकेत है लेकिन अच्छे फैट वाला HDL हमारे हार्ट, ब्रेन और ऊतकों यानी टिशू की सेहत के लिए अच्छा है।
सेहत के लिए फायदेमंद है शुद्ध देसी घी
डॉ. मिश्रा बताते हैं, शुद्ध देसी घी जो कि भारतीय लोग अपने खान-पान में इस्तेमाल करते हैं, जिसे वटरमिल्क के जरिए बनाया जाता है, वो अनसैचुरेटड फैट से समृद्ध होता है और इसकी हमारी नॉर्मल डाइट में जरूरत होती है। इसलिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। ड़ॉ. का कहना है कि जो लोग सोचते हैं कि वे अगर अपने आहार में फूड के जरिए फैट नहीं लेंगे तो मोटापा गेन नहीं करेंगे, तो ये सिर्फ उनकी अपनी सोच है। प्रेग्नेंसी में घी की इंटेक फायदेमंद होती है, इससे कमजोरी नहीं आती है।
शरीर के लिए बहुत जरूरी है पर्याप्त फैट
एक्सपर्ट, शरीर को अनावश्यक तनाव में डालने वाली फेड डाइट की आलोचना करते हैं। तमाम दफा हृदय रोग या रक्तचाप से पीड़ित लोग कभी-कभी अपने आहार से घी या यहां तक कि स्वस्थ तेल जैसे सरसों का तेल या जैतून का तेल पूरी तरह से खत्म कर देते हैं। लेकिन ऐसा में वे अपने दिल की सेहत का जोखिम बढ़ाते हैं। क्योंकि हमारे शरीर को वसा की आवश्यकता होती है। हमारा मस्तिष्क, हमारा न्यूरॉन सिस्टम, हमारी नसें, चालन प्रणाली, सभी वसा पर काम करते हैं। हमें सिर्फ अपनी डाइट में संतुलित आहार का ध्यान रखना चाहिए और ट्रांस वसा से बचना चाहिए जो स्ट्रीट फूड में पाया जाता है।