सस्ता मास्क भी कोरोना से बचाने में ज्यादा कारगर, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

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नई दिल्ली। Covid 19 latest update: देश में कोरोना (COVID-19) से बचाव के लिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहना (face mask for corona) और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना अनिवार्य है। आप बाजार में जाते होंगे तो बेहद खूबसूरत दिखने डिजाइन मास्क देख कर आप कन्फ्यूज हो जाते होंगे की कौन सा मास्क लिया जाए। लड़कियां तो अपनी ड्रेस के हिसाब से कई तरह के मास्क रखती हैं। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की इन कपड़े से बने डिजाइनर मास्क की तुलना में मेडिकल स्टोर पर काफी कम कीमत पर मिलने वाले सर्जिकल मास्क ज्यादा कारगर हैं।

रिसर्च में मिले आंकड़ों के मुताबिक 10 बार धुले जाने के बाद भी सर्जिकल मास्क हवा से फैलने वाले बैक्टीरिया, कोरोना जैसे वायरस या अन्य कणों को 76 फीसदी तक रोक देता है। वहीं बिना धुले तीन लेयर वाले कपड़े से बने मास्क मात्र 36 फीसदी ही रोक पाते हैं।

रिसर्च पेयर की को ऑर्थर और कैलिफोर्निया स्थित सस्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी की संक्रामक रोग शोधकर्ता Ashley Styczynski के मुताबिक इस अध्ययन को बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लगभग 350,000 लोगों पर किया गया। इस रिसर्च से साफ हो गया है कि सर्जिकल मास्क कपड़े के तीन लेयर वाले मास्क से कहीं बेहतर हैं। वहीं बांगलादेश के जिन गांवों में इन मास्कों को बांटा गया था और इन्हें पहनने के के लिए प्रोत्साहित किया गया वहां इसने SARS-CoV-2 के संक्रमण को रोकने में भी मदद की।

रिसर्च में शामिल बॉस्टन में स्थित Harvard Medical School के मेडिकल शोधकर्ता दीपक भट्ट के मुताबिक रिसर्च से मिले परिणाम आने वाले दिनों में काफी उपयोगी साबित होंगे। इस रिसर्च को लोगों को मास्क पहने के लिए जागरूक करने के साथ शुरू किया गया। इस रिसर्च के तहत कुछ गांवों में लोगों को मास्क पहनने के लिए दिए गए है और लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक किया गया। कोविड के लक्षणों वाले लोगों की जांच करने पर पाया गया कि जिन लोगों ने सर्जिकल मास्क पहने थे उनमें संक्रमण कपड़े के मास्क पहने वालों की तुलना में कम था।

इस तरह हुआ अध्ययन
इस अध्ययन नवम्बर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच किया गया। इस अध्ययन के तहत बांगलादेश के गांवों में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं ने गांवों में फ्री मास्क भी बांटे। इस अध्ययन के तहत जिन लोगों मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया गया उनमें जहां लोगों को जागरूक नहीं किया गया उनकी तुलना में कम केस मिले।

ये अध्ययन नवम्बर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच किया गया। लोगों को मास्क पहने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही कुछ लोगों को कपड़े का मास्क तथा कुछ लोगों को सर्जिकल मास्क पहनने के लिए कहा गया। इस अध्ययन में मिले परिणामों से साफ था जिन लोगों ने मास्क नहीं पहना उनकी तुलना में मास्क पहने वालों में कोरोना का संक्रमण कम रहा। इस अध्ययन में तीन लेयर के कपड़े वाले मास्क और सर्जिकल मास्क पहने वालों में भी संक्रमण की दर पर भी अध्ययन किया गया।

इस स्टडी के तहत लोगों ने जो कपड़े का तीन लेयर मास्क पहना था उसकी बाहरी सतह 100 फीसदी गैर-बुने पॉलीप्रोपाइलीन की बनी थी वहीं अंदर की दोनों सतहें 60 फीसदी कॉटन और 40 फीसदी पॉलिस्टर के धागे से बनी थीं। वहीं सर्जिकल मास्क की तीनों लेयर 100 फीसदी गैर-बुने पॉलीप्रोपाइलीन की बनी थी। बाहरी और अंदरूनी भाग काता हुआ था और बीच की परत पिघली हुई थी।