कोटा। मौसम चाहे जो भी हो किन्तु शहर के युवाओं की लोंगो की मदद करने की गति ना थमती है, ना ही मौसम से प्रभावित होती है। ये ज़ज़्बा नवपीढ़ी में मानवता के इन्ही संस्कारो के भाव को पोषित कर रहा है। शहर में जरूरतमंदों की व्यवस्था के लिए युवावर्ग किस कदर सेवाकार्य के लिए सदैव अग्रणी रहते है इसका एक उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला।
टीम जीवनदाता के सहसंयोजक वर्द्धमान जैन ने बताया कि उनके पास किसी अनजान का फ़ोन आया। जिसमें उन्होनें रुंधे गले से अपनी पत्नी शीतल जांगिड़ (35) की अज्ञात बीमारी की गंभीरता के बारे में बताया। रोगी की प्लेटलेट्स 10,000 से लगातार घटती जा रही थी और उनको एक बी पॉजिटिव एसडीपी की फ़ौरन आवश्यकता थी। जैन बताते हैं कि तीमारदार पति राजेश शर्मा दिनभर की तेज बारिश में डोनर को खोजने की हरसम्भव प्रयास में नाकामयाब रहें। अपने प्रयास से पहुँचे दो डोनर भी अनफिट थे।
फिर वर्द्धमान जैन ने टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब कोटा टेक्नो के डायरेक्टर भुवनेश गुप्ता को व्यथा बताई व इमरजेंसी में बी पॉजिटिव की व्यवस्था के लिए चर्चा की । गुप्ता अपनी माँ को डॉक्टर को दिखाने आये थे, किन्तु रोगी की प्लेटलेट्स में लगातार कम होती देख गुप्ता सक्रिय हो गए और बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का होने के कारण खुद ही डोनेशन के लिए तैयार हो गए।
भुवनेश ने 53वीं बार किया एसडीपी डोनेट
स्थिति की गंभीरता को भांप कर गुप्ता ने माँ को वही बैठने का अनुरोध कर भारी बारिश की परवाह किये बिना स्कूटर पर भीगते- भीगते अग्रवाल ब्लड बैंक पहुंच कर एसडीपी डोनेट की। इसके बाद गुप्ता माँ को डॉक्टर को दिखाकर घर आये। पूरी कहानी सुनकर माँ ने भावना से आशीर्वाद दिया। इस कार्य मे जोंटी नायक, सौरभ जांगिड़, ललितकिशोर कारीगर व दीपक विश्वकर्मा का भरपूर सहयोग रहा। गुप्ता का ये 53वीं बार एसडीपी डोनेशन था जिसे जोड़कर 154 बार कुल डोनेशन कर प्रेरणास्त्रोत बने।