राजस्थान के कोटा समेत 5 जिलों में आज भी भारी वर्षा की आशंका

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कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर लगभग 78,760 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

कोटा। राजस्थान के कोटा संभाग के लोगों को 5 अगस्त को भी बारिश के कहर से राहत मिलती नहीं दिख रही। मौसम विभाग ने 5 अगस्त को कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और करौली जिले में भारी बारिश की संभावना जताते हुए इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि इन्ही जिलों में 6 अगस्त को भी विभाग ने तेज बारिश की संभावना जताई है।

जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना लो प्रेशर सिस्टम अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। हालांकि, यह सिस्टम अभी भी उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और राजस्थान की पूर्वी सीमा के ऊपर बना हुआ है। इस कारण अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कोटा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। हालांकि, 6 अगस्त से इस सिस्टम का असर बहुत कमजोर हो जाएगा, जिसके बाद से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी।

तीन जिलों में बने बाढ़ के हालात
राजस्थान में बीते एक सप्ताह से पूर्वी राजस्थान के कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी और सवाई माधोपुर क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है। इन जिलों के कई एरिया में 200 mm से 350 mm तक बारिश दर्ज हुई है। भारी बारिश के चलते कालीसिंध, पार्वती और चंबल नदी में पानी की आवक ज्यादा होने से ये खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी हैं। चंबल में ज्यादा पानी आने से धौलपुर जिले के कई गांवों में बाढ़ आ गई। इसके अलावा बारां, कोटा में भी भारी बारिश के कारण कई गांव टापू बन गए। यहां राहत-बचाव के लिए NDRF, SDRF की टीमों को प्रशासन ने उतारा है। धौलपुर, करौली, कोटा, बारां जिले के कई गांवों से अब तक लगभग 156 लोगों से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

बांधों में पानी की आवक बढ़ी
बारिश से हाड़ौती संभाग में हाहाकार मचा हुआ है। जिधर देखो उधर ही पानी ही पानी नजर आ रहा है। कैचमेंट एरिया में हो रही बरसात से चंबल पर बने बांधो में पानी की आवक हो रही है। कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर लगभग 78,760 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

जवाहर सागर से 78,500 हजार क्यूसेक पानी की आवक होने से बैराज के 8 गेट को 7-7 फीट व 2 गेट को 5-5 फीट खोला गया है। बैराज से पानी की निकासी के बाद चंबल नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है। इधर झालावाड़ में भी काली सिंध के 4 गेट खोलकर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। काली सिंध के 4 गेट को 1-1 मीटर खोलकर 16,370 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।