RPSC घूसखोरी: लेखाकार सज्जन सिंह अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाता था

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अजमेर। आरपीएससी में घूसखोरी मामले में एसीबी की गिरफ्त में फंसा निलंबित कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह गुर्जर ऑफिस में बैठकर ही अभ्यर्थियों काे अपने जाल में फांसता था। आरएएस और अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थी जब परीक्षा संबंधित जानकारी के लिए आयाेग कार्यालय में संपर्क करते थे, तब यहां सज्जनसिंह आगे बढ़कर उनकी मदद करता था और बाताें ही बाताें में अभ्यर्थी के सामने यह कहकर दाना फेंक देता था कि- और काेई हेल्प चाहिए ताे बताना। वह अभ्यर्थियों काे अपने मोबाइल नंबर भी देता था, ताकि वह उसके संपर्क में रह सकें। परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कोचिंग सेंटरों में भी सज्जन के संपर्क हाे चुके थे।

घूसखोरी के इस मामले का खुलासा करने में एसीबी की मदद करने वाले मुख्य परिवादी से भास्कर ने इस बारे में जानकारी ली ताे कई चाैंकाने वाली जानकारी सामने आई है। एसीबी ने आरएएस परीक्षा 2018 के इंटरव्यू में अच्छे नंबर दिलाकर सलेक्ट कराने के एवज में 23 लाख रुपए रिश्वत लेते आयाेग के निलंबित कनिष्ठ लेखाकार सज्जनसिंह गुर्जर और आरपीएससी मेंबर राजकुमारी गुर्जर के भाई के सिकंदरा टाेल नाके के सुपरवाइजर नरेन्द्र पाेसवाल काे गिरफ्तार किया था। दाेनाें आरपीएससी मेंबर राजकुमारी के पति रिटायर्ड आईपीएस भैराेसिंह के नाम पर अभ्यर्थियों से रिश्वत की मांग करते थे।

एसीबी काे घूसखोरी की सबसे पहली सूचना देकर आराेपियाें काे ट्रेप कराने वाले परिवादी ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले आरएएस के कुछ अभ्यर्थी उसके पास आए थे, उन्हाेंने बताया था कि मुख्य परीक्षा के परमिशन लेटर अभी तक नहीं मिले हैं, लेटर कब मिलेंगे और परीक्षा के बारे में अन्य जानकारी भी अभ्यर्थियों ने मांगी थी। उसने आरपीएससी कार्यालय फाेन किया था, जहां कनिष्ट लेखाकार सज्जन सिंह ने काॅल रिसीव किया था। उसने सज्जन सिंह से रिक्वेस्ट करते हुए अभ्यर्थियों के परमिशन लेटर के बारे में जानकारी ली थी।

सज्जन ने उसे पूरी जानकारी मुहैया कराई थी और यह कहा था… और काेई हेल्प चाहिए ताे बताना। आरएएस परीक्षा 2018 के इंटरव्यू से पहले परिवादी ने सज्जन सिंह से फाेन काॅल पर बात की और पूछा कि भाई जी कुछ हाे सकता है क्या? इस पर सज्जन ने तपाक से जवाब दिया कि हां, 25 लाख लगेंगे। परिवादी के अनुसार उसने सज्जन और उसके बीच की बातचीत के बारे में 11 जून काे एसीबी काे बताया था।

सज्जनसिंह ने उन्हें पहली मीटिंग में यह समझा दिया था कि बातचीत काेड वर्ड में ही करें, वाट्सएप काॅलिंग से ही सज्जन बातचीत करता था। सज्जन ने उन्हें 22 लाख रुपए लेकर जयपुर बुलाया था। जयपुर में उसने रिटायर्ड आईपीएस भैराेसिंह के घर पर मुलाकात कराने का वादा किया था, एसीबी टीम के मेंबर के साथ जब वह रुपए लेकर जयपुुर पहुंचा ताे सज्जन सिंह काफी देर तक उन्हें इंतजार करवाता रहा।

परिवादी ने सज्जन काे मोबाइल मैसेज भेजा कि सज्जन भाई निर्जला ग्यारस है, हम 22 केले ले आए हैं, आप प्रसाद ग्रहण कर हमें भगवान के दर्शन करवा दें… इस पर सज्जन ने वाट्सएप काॅल पर कहा कि रिश्वत राशि उसे दे दें, बाद में साब से मिलवा दूंगा। परिवादी ने बताया कि उनका मकसद सज्जन काे उसके आका के साथ रंगे हाथ पकड़वाने का था, इसलिए सज्जन काे इसी शर्त पर रुपए देने काे कहा था कि पहले साब से मिलवाओ। सज्जन ने कहा कि साब से आज मुलाकात नहीं हाे सकती।