कोटा। राज्य सरकार की बजट घाेषणा में शामिल पब्लिक हेल्थ काॅलेज और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल द्वारा घाेषित जिला हाॅस्पिटल के लिए साेमवार काे 10 एकड़ जमीन यूआईटी ने अधिग्रहित कर ली। यह दाेनाें भवन थर्मल काॅलाेनी के सामने खाली पड़ी जमीन पर बनेंगे। फिलहाल उस जमीन पर दलदल है। यूआईटी ने जमीन अधिग्रहित कर स्वास्थ्य मंत्रालय काे प्रस्ताव भेज दिया है। दाेनाें के निर्माण पर करीब 80 कराेड़ रुपए की लागत आने की संभावना है।
काेटा में एक जिला हाॅस्पिटल खाेलने की घाेषणा काेराेना काल में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने की थी और इसके लिए 50 कराेड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया था। इसके लिए नदी पार क्षेत्र में महाराणा प्रताप चाैराहे के पास जमीन भी फाइनल कर ली गई थी।
उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय से बजट में घाेषित पब्लिक हेल्थ काॅलेज भी नदी पार क्षेत्र में कर दी। अब ये दाेनाें एक ही स्थान पर बनाए जाने के लिए वाे जमीन छाेटी पड़ रही थी। इस पर थर्मल काॅलाेनी के सामने की इस जमीन काे फाइनल किया गया है। यह जमीन पहले यूआईटी की ही थी।
करीब 40 साल पहले इस जमीन काे थर्मल काे हैंडओवर कर दिया गया था। वहां पर केवल एक पानी की टंकी बनी हुई है और चाराें तरफ बारिश व सीपेज का पानी भरा रहने के कारण दलदल हाे रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष व पार्षद अनिल सुवालका ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 2 लाख लाेग हैं।
पब्लिक हेल्थ काॅलेज में मेडिकल मैनेजमेंट के डिग्री और डिप्लाेमा के काेर्सेज चलाए जाएंगे। जिसमें टेक्निकल एडवाइजर, हाॅस्पिटल मैनेजर, पब्लिक अवेयरनेस सहित कई तरह के काेर्सेज हाेंगे। यह काॅलेज मेडिकल काॅलेज या अधीन हाेगा या स्वाथ्य विभाग के, यह भी तय नहीं है।
बिल्डिंग काैन बनाएगा, स्टाफ कहां से आएगा सहित पाइंट तय करने के लिए मंगलवार या बुधवार काे स्वास्थ्य मंत्रालय में मीटिंग रखी गई है। यह हेल्थ काॅलेज पांचाें संभागीय मुख्यालय पर खाेले जाने हैं, लेकिन पांचाें में से केवल काेटा ही ऐसा शहर है जहां अभी काम शुरू हुआ है और जमीन अधिग्रहित हाे चुकी है। बाकी शहराें में ताे अभी काेई कार्रवाई नहीं हुई।