मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने परिवहन विभाग पुलिस को वाहनों की चैकिंग करके उनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने के निर्देश दिए थे
कोटा। सड़क दुर्घटनाओं में जान-माल का नुकसान होने पर पीड़ित पक्ष को बीमा क्लेम मिल सके, इसके लिए अब चालकों को अपने वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना ही पड़ेगा। पुलिस जब्तशुदा वाहनों काे अब तब तक नहीं छोड़ेगी, जब तक चालक वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं कराएंगे।
इन दिनों चालक जब्तशुदा वाहन का कोर्ट में जुर्माना राशि जमा कराकर रिलीज ऑर्डर तो ले लेते है, लेकिन पुलिस उन वाहन को रिलीज करने से पहले थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रमाण पत्र मांग रही है।
मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने परिवहन विभाग पुलिस को वाहनों की चैकिंग करके उनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने के निर्देश दिए थे और ऐसे वाहनों के इंश्योरेंस नहीं होने पर कार्रवाई के लिए कहा था।
आदेशों के बाद में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला एसपी ट्रैफिक डीएसपी को पत्र लिखा था कि जब्तशुदा वाहन काे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होने पर ही रिलीज किया जाए। आदेशों के अनुसार ट्रैफिक जिला पुलिस चैकिंग के दौरान वाहनों का इंश्योरेंस भी देखेगी।
अगर वाहन का इंश्योरेंस खत्म हो गया तो पुलिस उसको हिरासत में ले लेगी और तब तक वाहन को नहीं छोड़ेगी, जब तक चालक वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं कराएगी। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों से समझाइश अभियान शुरू कर दिया है।