जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि स्कूल कुल फीस का 70 फीसदी पेमेंट ले सकते हैं। बच्चों के माता-पिता को इसका भुगतान अगले साल 31 जनवरी तक तीन किस्तों में करना होगा। यह फैसला राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एसपी शर्मा ने दिया है।
राजस्थान सरकार के फैसले को चुनौती देने वाले प्राइवेट स्कूलों की अपील पर हाई कोर्ट का यह आदेश आया है। आदेश तीन याचिकाओं पर दिया गया था जिसके माध्यम से लगभग 200 स्कूलों ने राजस्थान सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।
राजस्थान सरकार ने स्कूलों से कोरोना के दौरान बंद के समय अभिभावकों से फीस न वसलूने की बात कही थी। इन तीनों याचिकाओं के माध्य्म से प्राइवेट स्कूलों ने राज्य सरकार के 9 अप्रैल और 7 जुलाई के फीस स्थगन के आदेश को चुनौती दी थी।
राज्य सरकार के इन आदेशों के चलते प्राइवेट स्कूल फीस नहीं ले पा रहे थे। असल में, कोरोना संकट की वजह से राजस्थान सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के खुलने तक फीस वसूली पर रोक लगा रखी थी। राजस्थान सरकार ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को स्कूलों के दोबारा खुलने तक स्थगित रखने का फैसला लिया था।
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने 9 अप्रैल को राज्य के प्राइवेट स्कूलों द्वारा अग्रिम फीस लेने पर तीन महीने के लिए 30 जून तक रोक लगा दी थी। सरकार ने 9 जुलाई को इस अवधि को स्कूल के दोबारा खुलने तक बढ़ा दिया था। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों को 30 जून तक तीन महीने की स्कूल फीस स्थगित करने के आदेश दिए गए थे। इस आदेश को बाद में स्कूल खुलने तक आगे बढ़ाया गया है था।