आईसीईएक्स में हीरा वायदा के ‘डमी’ सौदे शुरू

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  • 11 अगस्त तक चलेगी मॉक ट्रेडिंग, हीरा कारोबार संबंधित दिक्कतों को दूर करना है इसका उद्देश्य
  • कारोबारियों और निवेशकों को वास्तविक कारोबार के तौर-तरीके समझने में मिलेगी मदद
  • वास्तविक कारोबार अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह तक शुरू होने की संभावना

मुंबई। अपनी तरह के पहले हीरा वायदा की शुरुआत की तरफ कदम बढ़ाते हुए रिलायंस एडीएजी प्रवर्तित इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) सोमवार से इसकी मॉक ट्रेडिंग शुरू करेगा। 

यह मॉक ट्रेडिंग 11 अगस्त तक 5 दिन चलेगी। इसका उद्देश्य हीरा कारोबार से संबंधित दिक्कतों को दूर करना और कारोबार के संदेह को दूर करना है। 

कारोबारियों और निवेशकों को वास्तविक कारोबार के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए एक्सचेंज दोपहर 12 बजे से कारोबारी सत्र शुरू करेगा।

वास्तविक कारोबार अगस्त के अंत तक या सितंबर के पहले सप्ताह तक शुरू होने की संभावना है। बाजार खुलने से पूर्व के सत्र की अवधि अधिकतम 20 मिनट होगी। मॉक ड्रेडिंग का सत्र शाम 7 बजे तक चलेगा।

आईसीईएक्स के मुख्य कार्याधिकारी संजित प्रसाद ने कहा, ‘मॉक ट्रेडिंग से हीरा तराशकारों, कारोबारियों और डीलरों को कीमत हेजिंग के तरीके को समझने और अनुभव करने में मदद मिलेगी।’

मॉक सत्र से पूरे हीरा उद्योग के भागीदारों को अपने भौतिक कारोबार की हेजिंग के एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। वे यह भी देख पाएंगे कि यह एक्सचेंज कैसे इस जिंस का कीमत निर्धारक बनता है।

हीरा उद्योग के भागीदारों में कटाई एवं तराशी इकाइयों के मालिक, थोक विक्रेता, कारोबारी, ब्रोकर, खुदरा विक्रेता और आभूषण विनिर्माता आदि शामिल हैं। सूरत को हीरों कटाई और तराशी का वैश्विक केंद्र माना जाता है।

दुनिया भर में उत्खनित होने वाले हीरों में से 90 फीसदी को वर्गीकरण और उनके इस मूल्य शृंखला के सदस्यों के बीच वितरण के लिए सूरत भेजा जाता है। मुंबई के भारत डायमंड बॉर्स (बीडीबी) में हीरों का ज्यादातर भौतिक कारोबार होता है।

मॉक ट्रेडिंग का मकसद हीरों का भौतिक कारोबार करने वाले कारोबारियों को इस बारे में शिक्षित करना है कि हीरा कारोबार में कीमत से संबंधित जोखिमों से निपटने के लिए वायदा कारोबार की प्रणाली का कैसे इस्तेमाल किया जाए।

आईसीईएक्स सरकारी और निजी क्षेत्र की कई कंपनियों द्वारा मिलकर शुरू किया गया है। जिनमें एमएमटीसी, इंडियन पोटाश, कृभको और आईडीएफसी बैंक जैसे पीएसयू और रिलायंस समूह शामिल हैं। रिलायंस समूह एंकर निवेशक है। 

आईसीईएक्स द्वारा शुरू किए जाने वाले हीरा अनुबंधों में तीन अलग-अलग मासिक अनुबंध शामिल होंगे। इनका लॉट साइज 1 कैरट, 50 सेंट और 30 सेंट होगा, जिनकी इलेक्ट्रॉनिक यूनिटों में डिलिवरी अनिवार्य होगी।

विक्रेता को एक्सचेंज की प्रमाणन एजेंसी से प्रमाणपत्र हासिल करने के बाद हीरों को आईसीईएक्स के प्लेटफॉर्म पर जमा करना होगा। प्रमाणन के बाद भौतिक हीरों को एक्सचेंज द्वारा नामित सूरत स्थित वॉल्ट में जमा कराना होगा।

एक्सचेंज द्वारा नामित वॉल्ट में हीरों को जमा कराने के बाद हीरों के वजन के बराबर इलेक्ट्रॉनिक यूनिट सृजित होगी, जो विक्रेता के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

अनुबंध की एक्सपायरी के समय इलेक्ट्रॉनिक यूनिट की एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर डिलिवरी होगी। खरीदार को एक्सपायरी के समय अपने खाते में इलेक्ट्रॉनिक यूनिट मिलेगी।

भौतिक रूप में हीरों की डिलिवरी के लिए खरीदार को अनुबंध के हिसाब से तय हीरे के आकार के बराबर यूनिटें जमा करनी होंगी।