नई दिल्ली। दो महीने से भाग रहे विदेशी निवेशक अब भारत लौटने लगे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मई में अब तक उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में 9,089 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की है। इससे पहले अप्रैल में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजार में 6,883 करोड़ रुपए की शुद्ध बिक्री की थी। उससे भी पहले मार्च में उन्होंने 61,973 करोड़ रुपए के शेयरों की शुद्ध बिक्री की थी।
फरवरी 2020 में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 1,820 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर खरीदे थे। 1-22 मई के बीच एफपीआई ने जहां 9,089 करोड़ रुपए के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की, वहीं उन्होंने इसी अवधि में डेट बाजार में 21,418 करोड़ रुपए की शुद्ध बिक्री कर दी। आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के रिसर्च प्रमुख आशुतोष मिश्रा ने कहा कि इस महीने एफपीआई कुछ ही भारतीय शयरों को आकर्षक मान रहे हैं। इस महीने एफपीआई की ओर से ज्यादा खरीददारी होने का मुख्य कारण यह है कि उन्होंने सात मई को हिंदुस्तान यूनीलिवर के 25,000 करोड़ रुपए के ब्लॉक डील में ज्यादा भागीदारी की।
15 में से 12 सत्रों में एफपीआई ने शुद्ध बिक्री की
मिश्रा ने बताया कि मई में गत 15 में से 12 कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने खरीदारी से ज्यादा बिक्री की। मॉर्निंग स्टार के सीनियर एनालिस्ट मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल शेयरों में भारी गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपए में आई भारी कमजोर ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए एक बेहतरीन अवसर दिया है।
विकसित देशों द्वारा बाजार में नकदी बढ़ाए जाने से भी भारत में बढ़ा विदेशी निवेश
रिलायंस सिक्युरिटीज के इंस्टीट्यूशनल बिजनेस प्रमुख अर्जुन महाजन ने कहा कि विदेशी पूंजी के भारत आने का एक कारण यह भी हो सकता है कि अमेरिका, जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाई है।