नई दिल्ली। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया है। लॉकडाउन-चार में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी इलाके सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों की इजाजत दे दी गई है। लेकिन मॉल, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, होटल, मेट्रो, रेल और हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा। इस बार रेड, आरेंज और ग्रीन जोन की परिभाषा तो वही रहेगी, लेकिन इसके तहत आने वाले इलाके को तय करने की जिम्मेदारी राज्यों पर सौंप दी गई है।
लॉकडाउन-चार के लिए जारी गाइडलाइंस में गृहमंत्रालय में पूरी तरह साफ कर दिया है कि विशेष रूप से प्रतिबंधित गतिविधियों को छोड़कर अन्य सारी गतिविधियों की पूरी तरह से छूट होगी। लेकिन कंटेनमेंट जोन में जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं होगी। वैसे कंटेनमेंट जोन के बाहर भी राज्य सरकारें चाहें तो जमीनी परिस्थितियों के आकलन के आधार पर कुछ अन्य गतिविधियों पर रोक लगा सकती हैं।
शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू
गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि लॉकडाउन-चार के दौरान शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा और इस बीच जरूरी सेवाओं के अलावा किसी को बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। मेट्रो, हवाई जहाज और रेल पहले की तरह नहीं चलेंगी, लेकिन प्रवासी मजदूरों और अन्य फंसे लोगों को एक-से-दूसरी जगह पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन और हवाई सेवाएं जारी रहेंगी। वहीं इस दौरान स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, बार, सिनेमा हॉल, मॉल आदि बंद रहेंगे।
क्या-क्या रहेगा प्रतिबंधित
धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पहले की तरह प्रतिबंधित रहेंगे। पूरे देश में 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी। वे सिर्फ जरूरी काम से या फिर इलाज के लिए बाहर जा सकते हैं। गुटका, पान-मसाला, सिगरेट और शराब के सेवन प्रतिबंधित रहेगा। शादियों में 50 से अधिक लोगों के तो अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर लगी पाबंदी जारी रहेगी। राज्यों को उसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है।
पूरे देश में ज्यादातर गतिविधियों की इजाजत
एक तरह से लॉकडाउन-चार में सरकार ने पूरे देश में सारी गतिविधियों की इजाजत दे दी है। इसमें न तो उद्योगों का वर्गीकरण किया गया है और न ही किसी तरह की सेवाओं को प्रतिबंधित किया गया है। यानी अब ई-कामर्स से लेकर ओला-उबेर जैसे टैक्सी सेवाएं शुरू हो सकती हैं। दोपहिया और कार में बैठने के सख्त नियम भी हटा लिए गए हैं। पहले दोपहिया पर सिर्फ एक और कार में ड्राइवर के अलावा दो व्यक्ति के बैठने की अनुमति थी। बाजार में भी दुकानों का कोई वर्गीकरण नहीं किया है। यानी यहां सैलून, ब्यूटी पार्लर समेत सभी तरह की दुकानें खुल सकेंगी। लेकिन दुकान पर छह फुट दूरी रखना होगा और एक समय में पांच से अधिक लोगों की अनुमति नहीं होगी।
स्टाफ की सीमा भी समाप्त
राज्य या स्थानीय प्रशासन चाहे तो इनमें कुछ दुकानों को बंद करने का फैसला कर सकता है। पिछली बार की तरह इस बार सभी आफिस में 33 फीसदी स्टाफ की सीमा भी समाप्त कर दी गई है। लेकिन आफिस में जाने के पहले सैनेटाइजर और शरीर के तापमान की जांच अनिवार्य कर कर दिया है। आफिस से भीतर भी दो गज की दूरी बनाए रखने को कहा गया। इसके लिए वर्क फ्राम होम को प्रोत्साहित करने की सलाह दी गई है। वैसे तो आरोग्य सेतु के उपयोग को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। लेकिन गाइडलाइंस में इसे कोरोना के संक्रमित व्यक्ति की तत्काल पहचान में कारगर बताते हुए सभी आफिस व काम के स्थान पर अधिक-से-अधिक इसके इस्तेमाल की सलाह दी गई है।
खेल गतिविधियों को अनुमति
सबसे बड़ी बात यह है कि लॉकडाउन में पहली बार खेल गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी गई है। इसके लिए स्टेडियम और स्पोर्ट्स कंप्लेक्स खोलने की इजाजत दी गई है। लेकिन दर्शकों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। गृहमंत्रालय ने साफ कर दिया कि एक-से-दूसरे राज्यों में सामान और ट्रकों की आवाजाही पर पहले की तरह कोई प्रतिबंध नहीं होगा। साथ ही सड़क मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सामान की आवाजाही में भी राज्य सरकारें रूकावट नहीं डाल सकेंगी। इस बार इसका विशेष उल्लेख किया गया है। ध्यान देने की बात है कि बांग्लादेश की सीमा पर ट्रकों की आवाजाही रोकने को लेकर पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच ठन गई थी।