नई दिल्ली। स्मार्टफोन्स से जुड़ी एक बात लगभग हर यूजर को परेशान करती है और यह है बार-बार डिवाइस को चार्ज करना। रिसर्चर्स ने इसके लिए एक नई टेक्नॉलजी डिवेलप की है जिसकी मदद से स्मार्टफोन बैटरी लगातार पांच दिनों तक खत्म नहीं होगी। इस टेक्नॉलजी की मदद से इलेक्ट्रिक कारों को बिना दोबारा चार्ज किए 1,000 किलोमीटर से ज्यादा चलाया जा सकेगा।
नए बैटरी सॉल्यूशन में ट्रडिशनल लिथियम-आयन कॉम्बिनेशन की जगह नया कॉम्बिनेशन यूजर्स को मिलेगा। अब तक लिथियम-आयन बैटरीज स्मार्टवॉच, स्मार्टफोन और पेसमेकर को पावर देने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इनकी जगह रिसर्चर्स ने अल्ट्रा-हाई कैपिसिटी पाने के लिए लिथियम-सल्फर कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया है और रिजल्ट चौंकाने वाले हैं।
ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा कि उनकी टीम सल्फर कैथोड्स के डिजाइन को रि-कन्फिगर करके सफलतापूर्वक मौजूदा बैटरी कॉम्बिनेशन की जगह इस्तेमाल कर पाई। इसकी मदद से बिना किसी परफॉर्मेंस या कैपिसिटी ड्रॉप के हाई स्ट्रेस लेवल रिसर्चर्स को बैटरी में मिल पाया।
इलेक्ट्रिक कारों में ट्रायल
रिसर्च टीम के मेंबर प्रोफेसर मैनक मजूमदार ने बताया कि उनकी रिसर्च टीम को ऑस्ट्रेलिया में सरकार और इंटरनैशनल इंडस्ट्री पार्टनर्स से 2.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है। इस बैटरी टेक्नॉलजी का ट्रायल इस साल कारों और ग्रिड्स में किया जा रहा है, जिससे ऑस्ट्रेलिया में इलेक्ट्रिक कार मार्केट को भी बड़ा फायदा मिल सकता है।
बन सकता है नया ऑप्शन
प्रॉजेक्ट लीड कर रहे डॉक्टर महदोख्त शाईबनी ने कहा कि नया बैटरी सॉल्यूशन अगले दो से चार साल में कर्मशली उपलब्ध हो सकता है। हालांकि, टीम की ओर से इसके मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेंस का पेटेंट लेने के लिए अभी से ऐप्लिकेशन दे दी गई है। यह टेक्नॉलजी ऐसे वक्त सामने आई है, जब मार्केट में ट्रडिशनल लिथियम-आयन बैटरी का विकल्प तलाशा जा रहा है।