नई दिल्ली। शहरी विकास मंत्रालय ने 2022 तक नई संसद और सेंट्रल विस्टा को बनाने के लिए डिजाइन का जिम्मा सौंप दिया है। मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार नई संसद या सेंट्रल विस्टा को आने वाले 250 साल के लिए तैयार किया जाएगा।
नई संसद और सेंट्रल विस्टा बनाने के लिए डिजाइन का कॉन्ट्रैक्ट एचसीपी कॉन्ट्रेक्टर (HCP Design, Planning & Management Pvt. Ltd) को दिया गया है। इसके लिए बोलियां मंगाई गयी थी जिसमें इसकी बोली विजयी रही। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के महानिदेशक प्रभाकर सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इस परियोजना के तहत कंपनी सेंट्रल विस्टा और संसद भवन के नवीनीकरण के लिए वास्तु और इंजीनियरिंग कामकाज की रुपरेखा और एक साझा केंद्रीय सचिवालय विकसित करने के लिए परामर्श देगी। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि ‘एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट’ पूर्व में कई योजनाओं पर काम कर चुकी है। यह कंपनी इससे पहले साबरमती रिवर फ्रंट विकास परियोजना में भी शामिल रही है।
इस तरह किया गया सेलेक्शन
शहरी विकास मंत्रालय की पहली प्री बिड मीटिंग में 24 पार्टिसिपेंट थे, इनमें से पहले 6 को फाइनल किया गया। फाइनल बिडर का सेलेक्शन एक प्रख्यात ज्यूरी के जरिये किया गया। पहली प्री बिड मीटिंग में सलेक्ट किए गए 6 सिलेक्टिड बिडर ने एक डिटेल्ड प्रेजेंटेशन ज्यूरी के सामने रखी जिसके बाद अंतिम चयन किया गया। इस प्रक्रिया से 18 अक्टूबर को फाइनल बिडर का चुनाव किया गया।
दो सितंबर को बोलियां आमंत्रित की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर यहां एक बड़े कार्यक्रम में शरीक हुए थे। सिंह ने कहा, ‘एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट को इस परियोजना के परामर्शदाता के तौर पर चुना गया है।’ उन्होंने कहा कि बोली का चयन करने में 80 प्रतिशत भारांश गुणवत्ता और 20 प्रतिशत वित्त को दिया गया। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में दो सितंबर को बोलियां आमंत्रित की थी। संसद भवन और सेंट्रल विस्टा की कुल कंसल्टिंग कॉस्ट 229 करोड़ रुपए होगी।