मंदी से घबराएं नहीं, दीपावली बाद फिर से होगा बाजार गुलजार- भाटिया

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    कमोडिटी एक्सपर्ट मुकेश भाटिया

    कृषि जिसों में लगातार पिछले कुछ महीनों से मंदी का माहौल बना हुआ है।  इससे व्यापारियों और किसानों में घबराहट बनी हुई है।  Len-den News ने इसका कारण जानने के लिए कोटा के जाने- माने कमोडिटी एक्सपर्ट मुकेश भाटिया से वार्ता की। उनका कहना है मंदी से घबराएं नहीं, दीपावली बाद बाज़ार  फिर से रफ़्तार पकड़ेगा। प्रस्तुत है यह भेंट वार्ता ——–

    धनिया में मंदी का कारण 

    धनिया क्या पूरे मार्केट का परिदृश्य ही मंदी की चपेट में आया हुआ है. इस वर्ष धनिया की पैदावार करीब एक करोड़ बोरी के आसपास रही है। पुराना  स्टॉक 40 लाख बोरी है। भारत की खपत एक्सपोर्ट सहित एक करोड़ बोरी है। फिर 40 लाख बोरी कैरी फॉरवर्ड होगा।

    दिसम्बर 2016 में हमने एक मोटा अनुमान सर्वे करके बाजार को दिया था कि इस वर्ष धनिया नया सीजन में 4000 रुपए प्रति क्विंटल मंडियां तथा 5200से 5500 रुपये क्विंटल  एनसीडेक्स होना चाहिए था,लेकिन सटोरिया गतिविधियों के कारण धनिया बाजार एनसीडेक्स 6500 से 7500 रुपये क्विंटल तक ले जाया गया, जो बाजार के लिए काफी घातक साबित हुआ।

    गलत तेजी डबल मंदी

    क्योंकि कहते हैं एक गलत तेजी डबल मंदी लाती है और एक गलत मंदी डबल तेजी लाती  है। यानी हम सब गलत तेजी का नुकसान उठा रहे हैं।वर्तमान में जो धनिया 4500 से 4700  रुपये क्विंटल एनसीडेक्स पर चल रहा है , इसमें कोई बड़ी मंदी आना संभव नहीं है।

    लेकिन अभी कम से कम जीएसटी लागू होने के बाद 15 जुलाई तक बाजार पांच रुपये की तेजी मंदी पर ही घूमते रहेंगे। जीएसटी लागू होने के बाद धीरे-धीरे बाजार यूनिफार्म शेप ले लेगा , तब जाकर धनिया में तेजी की बात करना ठीक रहेगा। हाँ सम्भवत: कोई छोटी तेजी इन आगामी तीन माह में मिल सकती है।

    पुराना माल होल्ड करें

    बाजार में मोटी तेजी तो दीपावली बाद ही देखने को मिलेगी। इस परिदृश्य में मेरी सभी ट्रेडर्स को सलाह है कि पुराना माल रखा है तो होल्ड करें या इन भावों में और माल ले सकते हैं। नए निवेशकों को मेरी सलाह है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करें। आँख  बंद  कर इन भावों  में स्टॉक   कर सकते   हैं। नोटबंदी का असर जीएसटी लागू होने के बाद धीरे -धीरे कम हो जायेगा। वहीँ बाजार भी यूनिफार्म की शक्ल ले लेगा। धनिया ही नहीं सभी जिंसों के अच्छे दिन आ जायेंगे।

    पूरे बाज़ार के परिदृश्य को समझना आवश्यक 
    नंबर 1 भारत सरकार ने 15 लाख करोड़ रुपये की नोटबंदी की, उसके सामने ११ लाख करोड़ रुपये के नोट ही वापस जारी किये। इस कारण बाजार की तरलता खत्म हो गई। इसलिए पूरा बाजार मंदी की चपेट में आ गया।

    नंबर 2 आये दिन सर्कार द्वारा प्रॉपर्टी रेगुलेटरी कानून या जीएसटी पर बयान बाजी से व्यापारी भर्मित हैं  नबर 3 रही सही कसर मीडिया से आ रही अफवाहों के कारण बाजार रसातल में चले गए। नबर चार नोटबंदी के बाद जीडीपी 8 % से 6% पर आए गिरी। आशंकित व्यापारी समाज की दिलचस्पी किसी भी नए प्रोजेक्ट से खत्म हो गई है।

    यह एक संक्रमण काल है। हम कैश से ही डिजिटल भुगतान की तरफ अग्रसर हैं। अत: यह स्वाभाविक प्रक्रिया है की, “हर विकास कीमत मांगता है। ” अत: मेरा मानना है कि जीएसटी आने के बाद जल्दी ही बाजार यूनिफार्म शक्ल में आ जायेगा तथा दीपावली बाद सभी जिसों में तेजी आने की संभावना है।