नई दिल्ली । शिक्षा पर लगने वाला खर्च हर साल महंगा होता जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई के लिए माता-पिता पैसे की जुगाड़ में सोने में या फिक्स्ड एसेट में निवेश करते हैं। हालांकि, कई सारे फाइनेंशियल एडवाइजर का कहना है कि बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए माता-पिता एजुकेशन लोन ले सकते हैं।
हायर एजुकेशन के लिए बैंक या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) से एजुकेशन लोन मिलता है। हम आपको अपनी इस खबर में एजुकेशन लोन के पांच फायदे के बारे में बता रहे हैं।
ज्यादा बचत: एजुकेशन लोन लेने के बाद आप बिना किसी व्यवधान के अपनी कमाई में से बचत को जारी रख सकते हैं, जिससे आगे आपकी किसी भी वित्त जरूरतों की पूर्ति हो सकती है। आप चाहें तो बच्चों की शादी, घर खरीदने में अपनी बचत का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे यह होगा कि आप रिटायरमेंट के बाद अपने बच्चों पर निर्भर नहीं रहेंगे।
कवरेज: एजुकेशन लोन से न केवल आप अपनी कोर्स का फीस भर पाएंगे बल्कि, यह आपके अन्य खर्चे जैसे- हॉस्टल खर्च, परीक्षा फीस, लाइब्रेरी चार्ज, लैब फीस में भी काम आएगा। लोन का इस्तेमाल आप किताब का खर्च, यात्रा व्यय आदि में भी कर सकते हैं।
टैक्स में फायदा: आयकर अधिनियम की धारा 80 ई के तहत, एजुकेशन लोन पर भुगतान की जाने वाली पूरी राशि ब्याज आयकर कटौती के लिए मान्य है। आयकर कटौती का दावा आठ साल तक किया जा सकता है।
मोरेटोरियम पीरियड: मोरेटोरियम पीरियड लोन टाइम के समय उधारकर्ता को दी गई अवकाश अवधि की तरह है। इस अवधि में उधारकर्ता को लोन चुकाने से छूट मिलती है। एजुकेशन लोन के मामले में, उधारकर्ता को कोर्स पूरा होने की तारीख से 6 महीने से 1 वर्ष तक के लिए छूट मिलती है, इससे लोन लेने वाले को अच्छी नौकरी तलाशने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
क्रेडिट की जानकारी: अगर आपने एजुकेशन लोन लिया है और उसका पुनर्भुगतान समय पर करते हैं तो इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी रहेगी और आगे भी आपको लोन मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।