नई दिल्ली। एटीएम निकासी और चेकबुक जैसी ग्राहकों के लिए नि:शुल्क सेवाओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि क्रेडिट कार्ड बिल के बकाया भुगतान पर लगा विलंब शुल्क और अनिवासी भारतीयों द्वारा बीमा की खरीद पर जीएसटी लगेगा।
राजस्व विभाग ने बैंकिंग, बीमा और शेयर ब्रोकर सेवाओं पर जीएसटी लागू होने के संबंध में बार-बार उठने वाले प्रश्नों का निवारण (एफएक्यू) जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया है। विभाग ने कहा कि प्रतिभूतिकरण, डेरिवेटिव्स और वायदा सौदों से जुड़े लेन-देन को भी जीएसटी दायरे से बाहर रखा गया है।
वित्तीय सेवा विभाग ने पिछले महीने इस संबंध में राजस्व विभाग से संपर्क किया था। पीडब्ल्यूसी में पार्टनर एवं लीडर (अप्रत्यक्ष कर) प्रतीक जैन ने कहा कि एफएक्यू काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जीएसटी के दृष्टिकोण से वित्तीय सेवाओं को सबसे जटिल माना जाता है।
आर एन मारवाह एंड कंपनी में कार्यकारी निदेशक एवं अप्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ नीतीश शर्मा का कहना है कि जीएसटी कानून के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय सेवाओं और लीजिंग सेक्टर के लिए किए गए प्रावधानों की व्याख्या आम ग्राहकों और सेवा प्रदाताओं के लिए बेहद लाभप्रद है। जीएसटी के सफल क्रियान्वयन में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में अच्छा कदम है।