कोटा। एग्री-क्लिनिक एवं एग्री-बिजनेस के लिए ऋण पर नाबार्ड के माध्यम से 20 लाख तक की परियोजना लागत पर 36% से 44% तक अनुदान दिया जायेगा। यह अनुदान कृषि विषय से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमाधारी बेरोजगार युवाओं को मिलेगा।
यह जानकारी राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान दी। कार्यशाला का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की एग्री-क्लिनिक एवं एग्री-बिजनेस योजना पर किया गया था। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजीव दायमा ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में विस्तार सेवाओं के नेटवर्क को मजबूती देना है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए कृषि विषय से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमाधारी बेरोजगार युवाओं को जो बैंक ऋण की सहायता से गांवों में एग्री क्लिनिक अथवा एग्री बिजनेस सेंटर स्थापित करने के इच्छुक हो, उन्हें नाबार्ड के माध्यम से उनकी 20 लाख तक की परियोजना लागत पर 36% से 44% तक अनुदान दिया जायेगा।
इस अवसर पर आत्मा के परियोजना निदेशक डॉ. आरबी सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह एवं उपनिदेशक पशुपालन डॉ. तोमर ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। बीआरकेजीबी के आरएम एचएल मीणा ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बैंक से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
कार्यशाला में एसबीआई, सीबीआई, बैंक ऑफ बडौदा, बीआरकेजीबी एवं एक्सिस बैंक आदि के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए एवं प्रतिभागियों का शंका का समाधान किया। एलडीएम केएस कुम्पावत ने बेरोजगार कृषि स्नातकों के लिए इसे बहुत अच्छी योजना बताते हुए सभी बैकों से इसमें वित्तपोषण करने का आग्रह किया।
एग्री बिज़नेस, एग्री क्लिनिक के लोन पर सब्सिडी की जानकारी के लिए नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजीव दायमा का वीडियो देखिये –