नई दिल्ली। पिछले वित्त के दौरान चुनावी ट्रस्टों से प्राप्त कुल चंदे का लगभग 70 फीसदी भाजपा को मिला। चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने यह जानकारी दी है।
एडीआर के मुताबिक, वर्ष 2022-23 के लिए चुनावी ट्रस्टों के योगदान के विश्लेषण में पाया गया है कि कुल चंदे का 25 फीसदी भारत राष्ट्र समिति (बीएसआर) को प्राप्त हुआ है। इस दौरान 39 कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घरानों ने चुनावी ट्रस्टों को 363 करोड़ रुपये से अधिक का योगदन दिया।
इनमें से चार कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घरानों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 360 करोड़, एक कंपनी ने समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2 करोड़, दो कंपनियों ने परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट को 75.50 लाख और दो कंपनियों ने ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये का योगदान दिया है।
एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा को 259.08 करोड़ रुपये का चंदा मिला है जो कुल प्राप्त योगदान का 70.69 फीसदी है। बीआरएस को कुल अनुदान का 24.56 फीसदी यानी 90 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों को मिलाकर 17.40 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।
एनजीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में भाजपा को प्रूडेंट इकेक्टोरल ट्रस्ट से 336.50 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इस बार 256.25 करोड़ रुपये ही मिले हैं। समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने भाजपा को 1.50 करोड़ और कांग्रेस को 50 लाख रुपये का चंदा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने चार दलों-भाजपा, बीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और आप को चंदा दिया है।