बढ़ सकता है विश्व के कई देशों में खाद्य संकट, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। Grain Export Ban From Ukraine: रूस ने यूक्रेन के अनाज को निर्यात करने देने वाला अपना फैसला रद्द कर दिया है। क्रेमलिन ने कहा है कि वह यूक्रेन के अनाज के निर्यात की अनुमति देने वाले सौदे को रोक रहा है। रूस के इस फैसले से दुनिया के कई देशों में खाद्य संकट गहरा सकता है।

बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन के अनाज पर निर्भर करने वाले तुर्की जैसे देशों की पहल पर रूस ने यूक्रेन में उपजने वाले अनाज को निर्यात करने की अनुमति दे दी है। अब रूस ने अपना यह फैसला वापस लेने का फैसला किया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने काला सागर अनाज डील से हटने के रूस के फैसले की आलोचना की है। ब्लिंकन ने मॉस्को के फैसले को मूर्खतापूर्ण करार दिया और कहा कि समझौते को जितनी जल्दी हो सके बहाल किया जाना चाहिए।

ब्लिंकन ने सोमवार को विदेश विभाग में कहा, मुझे उम्मीद है कि सभी देश इस पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं। रूस के इस कदम से दुनिया भर में महंगाई और बढ़ेगी, जब कई देश उच्च मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं।

रूस और यूक्रेन दुनियाभर में गेहूं, जौ, सूरजमुखी का तेल और अन्य किफायती खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में शुमार हैं। कई विकासशील देश इन खाद्यान्नों पर निर्भर हैं। ऐसे में यह सौदा बाधित होने से विकासशील देशों में न सिर्फ जरूरी चीजें महंगी हो जाएंगी बल्कि बड़ा खाद्य संकट भी खड़ा हो जाएगा।

बता दें, संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये ने गत वर्ष दोनों देशों में एक ऐतिहासिक समझौता कराते हुए यूक्रेन को कालासागर क्षेत्र के रास्ते खाद्यान्न की आपूर्ति की अनुमति दिलाई थी। इससे अलग एक समझौते के तहत पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच रूस को खाद्यान्न और उर्वरक की आपूर्ति की अनुमति मिली थी।