नई दिल्ली। टैक्स हेवंस में और उनको जरिया बनाकर नामचीन लोगों और बिजनस हाउसेज की ओर से किए गए जिन निवेशों के बारे में पैराडाइज पेपर्स में खुलासा किया गया है, उनमें से कुछ विदेशी अकाउंट्स की जांच तो भारतीय टैक्स अधिकारी पहले से कर रहे थे।
हालांकि सोमवार को एक मल्टी-एजेंसी ग्रुप बनाने का निर्णय भी किया गया, जो पैराडाइज पेपर्स से जुड़ी जांच पर नजर रखेगा। टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने अधिकारियों को अलर्ट किया है कि जो नई सूचना सामने आई है, उसका उपयोग वे जांच में करें।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के चेयरमन सुशील चंद्रा ने ईटी को बताया, ‘इनमें से कुछ मामलों की जांच तो हम पहले से कर रहे हैं। जो भी ताजा जानकारी होगी, उसकी और जांच की जाएगी।’
पैराडाइज पेपर्स का संबंध बरमूडा और दूसरी जगहों पर कार्यालय रखने वाली एक विदेशी लॉ फर्म एपलबी से लीक हुए डॉक्युमेंट्स से है।
इनमें पिछले लगभग 50 वर्षों के करीब 70 लाख लोन अग्रीमेंट्स, फाइनैंशल स्टेटमेंट्स, ईमेल्स, ट्रस्ट डीड्स और दूसरे पेपरवर्क शामिल हैं।
इस डेटा का मिलान संबंधित इकाइयों की ओर से दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न से किया जाएगा। चंद्रा ने कहा, ‘जांच से जुड़े सभी महानिदेशकों को अलर्ट कर दिया गया है। ऐक्शन लेने लायक हर जानकारी पर ऐक्शन लिया जाएगा।’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिन इकाइयों और लोगों ने 2015 में डिसक्लोजर स्कीम में विदेशी संपत्ति का खुलासा किया था, उन्हें उससे मिलने वाली इम्यूनिटी मिलती रहेगी। पैराडाइज पेपर्स पर गौर करने वाले मल्टी-एजेंसी ग्रुप का नेतृत्व CBDT के चेयरमैन करेंगे।
इस ग्रुप में एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट, आरबीआई और फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट के प्रतिनिधि होंगे। CBDT ने प्रेस रिलीज में यह भी बताया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच इकाइयों को अलर्ट कर दिया गया है कि वे तत्काल उचित कार्रवाई करने के लिए ताजा खुलासों पर गौर करें।
रिलीज में कहा गया, ‘बताया गया है कि विदेशी इकाइयों के कई मामलों की पहले ही फास्ट ट्रैक जांच की जा रही है। जैसे ही और जानकारी सामने आएगी, कानून के मुताबिक तेजी से ऐक्शन लिया जाएगा।’
इंटरनैशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की पड़ताल पर आधारित पैराडाइज पेपर्स से संकेत मिल रहा है कि विभिन्न देशों के व्यक्तियों की विदेशी इकाइयों के डेटा में शामिल 180 देशों में नामों की संख्या के आधार पर भारत 19वें स्थान पर है।
CBDT के बयान में कहा गया कि इस लिस्ट में कथित तौर पर 714 भारतीयों के नाम हैं। उसने कहा कि लीक हुए डॉक्युमेंट्स में एक छोटी फैमिली ओंड ट्रस्ट कंपनी एशियासिटी (सिंगापुर) की फाइल्स और 19 सीक्रेसी ज्यूरिसडिक्शंस में कंपनी रजिस्ट्रीज के दस्तावेज शामिल हैं। अभी कुछ ही भारतीयों के नामों का खुलासा हुआ है।