जीएसटी की विसंगतियों का समाधान करे सरकार

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कोटा व्यापार महासंघ की बैठक में जीएसटी की विसगंतियों पर मंथन करते व्यापारी।

जीएसटी मंथन: कोटा व्यापार संघ की विशेष बैठक में विसंगतियों पर चर्चा, जीएसटी की खामियों को दूर करवाने के लिए काउंसिल वित्त मंत्री को भेजा ज्ञापन

कोटा। केंद्र सरकार ने चार माह पहले लागू की जीएसटी पर शुक्रवार को शहर में कोटा व्यापार महासंघ ने विशेष बैठक बुलाकर उस पर मंथन किया है। जिसमें करीब 50 ट्रेड के व्यापारी शामिल हुए।

महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि जीएसटी में भारी विसंगतियां सामने आई है। इसमें सुधार के लिए महासंघ की ओर से जीएसटी काउंसिल वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजा है। वहीं, जीएसटी आयुक्त ने व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए भरोसा दिलाया है।

वहीं, व्यापार महासंघ ने चेतावनी दी है कि विसंगतियों में तत्काल व्यापारियों को राहत नहीं दी गई तो वह आंदोलन करेंगे। महासंघ के कर सलाहकार अनिल काला ने कहा कि 10 नवंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में लेने वाले निर्णयों के चिंतन के लिए व्यापार महासंघ के साथ एक बैठक की जाएगी, जिसमें दोबारा विचार-विमर्श किया जाए।

इधर, महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन ने मंथन में आई विसंगतियों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि जीएसटी के रिटर्न को संशोधन करने का ऑप्शन दिया जाए। अभी पोर्टल पर इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

रिटर्न फाइलिंग के दौरान डाटा लॉक हो जाता है। गलत हेड में जमा कराए गए टैक्स में एडजस्टमेंट की सुविधा होनी चाहिए। जुलाई, अगस्त सितंबर की लेट फीस जिन करदाताओं ने जमा कराई है वह उनके कैश लेजर में हस्तांतरित की जाए।

रिटर्न फाइलिंग से संबंधित समस्याओं को हल किया जाना चाहिए। जैसे कि साइट पर डाले गए डाटा का तुरंत अपडेट होना वर्तमान में पोर्टल पर डाला गया डेटा 1 दिन बाद अपडेट हो रहा है। रजिस्ट्रेशन के समय दिए गए मोबाइल मेल आईडी चेंज करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

कम्पोजीशन स्कीम लेने के लिए टर्नओवर सीमा 1 करोड़ से 5 करोड़ कराना और सेवाओं को कम्पोजीशन स्कीम में लेना जैसे सिविल कॉन्ट्रेक्टर, मेन पावर सप्लाई टेंट, डेकोरेटर्स आउट डोर केटर्स वर्तमान में रेस्टोरेंट सेवा प्रदाताओं को कम्पोजीशन का लाभ दिया जाता है।

कम्पोजीशन डीलर को इंटर स्टेट सप्लाई की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। रिवर्स चार्ज को समाप्त किया जाना चाहिए। अभी 31 मार्च 2018 तक के लिए इस समाप्त कर दिया है। कर मुक्त सेवा या माल बेचने वालों को कम्पल्सरी रिवर्स चार्ज धारा 9 (3) से छूट देना जैसे की लीगल फीस, माल भाड़ा।

एक्सपोट्रर्स को रिफंड तुरंत भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिए। 5 करोड़ तक के टर्न ओवर करदाताओं को के लिए रिटर्न फाइलिंग को मासिक से तिमाही करना चाहिए। वर्तमान में यह सीमा अक्टूबर माह से 1.5 करोड़ तक के टर्नओवर वालों के लिए ही है।

टर्न 1 में दिए गए स्टॉक की डीम्ड क्रेडिट को बेनीफिट टर्न 1 की फाइलिंग की तारीख से 6 माह तक देना चाहिए की 1 जुलाई से 6 माह टर्न 1 की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी। इस तरह की विसंगतियों महासंघ ने मंथन में सामने रखी है। इनमें संशोधन की मांग की है।  बैठक में सेंट्रल जीएसटी के उपायुक्त नरेश बुदेल और अधीक्षक संजय गुप्ता भी मौजूद रहे।