-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश की कल्याणकारी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में हर वर्ग को उम्मीदों से बढ़कर तोहफ़े देते हुए सरकार के संवेदनशील, जन हितेषी संकल्पों को दोहरा दिया।
श्री धारीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पेश किए गए बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जो विभिन्न क्षेत्रों में आमजन को राहत देने के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को बड़ी राहत प्रदान कर रहा है।
श्री धारीवाल ने कहा कि इस साल का बजट भी सरकार ने जनता को समर्पित किया है। बजट में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा 25 लाख तक बढ़ाकर प्रदेशवासियों को बड़ी राहत प्रदान की है। वही किसानों को 2000 यूनिट बिजली फ्री, महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं, संविदा कर्मियों को बड़ी राहत, कोरोना पीड़ितों के लिए अति संवेदनशीलता के साथ उठाए कदम, टैक्स में राहत, युवाओं को रोजगार महिलाओं और बच्चों के लिए राहत देने वाली घोषणाएं की हैं।
उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिए सरकार की एक और राहत प्रदान करने वाली पहल, इंफ्रास्ट्रक्चर, वृद्धजनों के लिए सामाजिक सुरक्षा जो देश ही नहीं दुनिया में राजस्थान सरकार की कर्तव्यनिष्ठा पर मोहर लगा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर क्षेत्र के लिए राहत देने वाली घोषणाएं बजट में की हैं। भले वो स्वास्थ्य को लेकर हो कर्मचारियों के हितेषी हो, शिक्षा खेल-खिलाड़ी कला संस्कृति किसी भी क्षेत्र को अछूता नहीं रखा। राजस्थान सरकार का बजट हर वर्ग को राहत पहुंचाने वाला है। राजस्थान सरकार जन सेवा के संकल्प के साथ लगातार अति संवेदनशील होकर कार्य कर रही है।
इसके विपरीत पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने बजट को जनता को भ्रमित कर चुनावी लाभ लेने की कोशिश करने वाला बताया। श्री गुंजल ने कहा कि 2018 में चुनावी घोषणा पत्र में किये वादे अभी तक पूरे नही करने वाली सरकार चार साल में 2722 बजट घोषणाओं में से 50 प्रतिशत भी पूरी नही कर पाई। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए की गई 1029 घोषणाओं में से दो तिहाई घोषणाओं के पूरे होने का प्रदेशवासी इन्तजार कर रहे हैं।
श्री गुंजल ने कहा कि प्रदेश की जनता इनके प्रलोभन के भ्रम जाल में फसने वाली नहीं है। प्रदेश का किसान कर्ज माफी का इन्तजार कर रहा है। तो बेरोजगार युवा आज भी 3500 रुपये बेरोजगारी भत्ते के लिए भटक रहा है।
उन्होंने कहा कि चार सालों की तरह कोटा को इस बार भी बजट में कुछ नहीं मिला है। एक सामान्य सा छोटा सा ऑडिटोरियम जिसे नगर निगम व यूआईटी जैसी संस्थायें भी बना सकती है, जो ऊँट के मुंह मे जीरे के समान है। पिछले साल कोटा में केडीए बनाने की घोषणा भी अभी तक कागजो में ही सीमित है।
श्री गुंजल ने कहा कि सरकार बजट जैसे मसले पर भी कितनी लापरवाह हो सकती है। बजट के दौरान राजस्थान सरकार ने पुराना बजट भाषण पढ़कर राजस्थान को शर्मसार तो किया ही प्रदेशवासियों को भी निराश किया।