नई दिल्ली/जयपुर। केंद्रीय कैबिनेट में एससी, एसटी, ओबीसी और महिला सांसदों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही राजस्थान से जनरल-ब्राह्मण वर्ग से भी सांसद मंत्री बनाया जा सकता है। फिलहाल राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत (क्षत्रिय-राजपूत), भूपेंद्र यादव (ओबीसी), अर्जुनराम मेघवाल (एससी), कैलाश चौधरी (ओबीसी-जाट) वर्ग से केंद्रीय मंत्री हैं। इनके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (वैश्य वर्ग-जनरल) से आते हैं।
इस लिहाज से राजस्थान के कई और भी सांसदों को केंद्र सरकार में मंत्री पद मिल सकता है। राजस्थान से लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में कुल 28 बीजेपी सांसद हैं। लेकिन केंद्रीय मंत्री सिर्फ 4 हैं। इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव कैबिनेट मंत्री हैं।
जबकि अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी राज्य मंत्री हैं। जबकि कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला लोकसभआ के स्पीकर पद पर हैं। इसलिए चुनावी साल में राजस्थान के कई सांसदों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान के राजसमंद से सांसद और जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी (राजपूत-जनरल) और भरतपुर से सांसद रंजीता कोली (एससी) प्रमुख दावेदार हैं। हालांकि महिला प्रतिनिधित्व के तौर पर दौसा से सांसद जसकौर मीणा का भी नाम चर्चाओं में है। लेकिन उनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है।
आदिवासी समाज (एसटी) से आने वाले सांसदों में राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा का नाम सबसे ऊपर है। जिनका पूर्वी राजस्थान सहित मीणा वोट बैंक पर अच्छा प्रभाव है। जो राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में ट्राइबल वोट बैंक साधने के लिए अहम हो सकते हैं। बांसवाड़ा सांसद कनकमल कटारा और उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा भी मंत्री पद की रेस में शामिल हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेताओं और आरएसएस में भी इनकी अच्छी पैठ है।
चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी (ब्राह्मण-जनरल) और चूरू से सांसद राहुल कस्वां (जाट-ओबीसी) भी मंत्री पद के दावेदारों में शामिल बताए जाते हैं। जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ पूर्व में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। पाली सांसद पीपी चौधरी और गंगानगर सांसद निहालचंद मेघवाल पूर्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रह चुके हैं।