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सड़कों के बाद परिवहन क्षेत्र में भी अग्रणी बनेगा प्रदेश,- परिवहन मंत्री
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जयपुर में सभी 154 वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र अब ऑनलाइन
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वाहन प्रदूषण जांच का दायरा 5 प्रतिशत से बढाकर 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य
जयपुर। परिवहन मंत्री यूनुस खान ने कहा है कि राजस्थान नवाचारों का प्रदेश है और जिस तरह आज सड़कों के क्षेत्र में प्रदेश अग्रणी बन चुका है, परिवहन के क्षेत्र में भी पूरा देश राजस्थान की ओर उम्मीद से देख रहा है।
खान ने मंगलवार दोपहर अजमेर रोड स्थित हीरा सर्विस स्टेशन पर कई नवाचारों से युक्त योजना ‘राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जांच केन्द्र योजना(ऑनलाइन)-2017’ लांच करते हुए यह बात कही।
परिवहन मंत्री ने योजना की प्रति जारी करने के साथ ही लैपटॉप पर मोबाइल एप एवं इसके लिए तैयार की गई वेबसाइट लांच की एवं प्रदूषण जांच केन्द्र पर एक राजकीय वाहन का ऑनलाइन वाहन प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र जारी करवाकर योजना का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में सम्बोधित करते हुए खान ने कहा कि राज्य में चल रहे करीब 1 करोड़ वाहनों में से केवल 5 प्रतिशत ही प्रदूषण जांच करवाते हैं।
विभाग ने इस स्थिति को बदलकर पारदर्शिता के साथ 100 प्रतिशत वाहनों को प्रदूषण जांच के दायरे में लाने का बीड़ा उठाया है ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ी प्रदूषण मुक्त हवा में स्वस्थ्य जीवन व्यतीत कर सके। प्रदूषण जांच को प्रोत्साहित करने के लिए योजना में कई तरह के प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदूषण जांच की ऑनलाइन योजना से राज्य में करीब 20 हजार युवाओं को निवेश के साथ प्रशिक्षण उपरान्त प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा समय-समय पर वाहन जनित वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के सम्बन्ध में दिए गए निर्देशों की भी पालना संभव हो सकेगी।
इसे जयपुर से प्रारम्भ कर राज्य के सभी 4 हजार से अधिक पेट्रोल पम्पों तक विस्तृत किया जाएगा। उन्होनें प्रदूषण नियंत्रण को सामाजिक सरोकार का कार्य बताते हुए पेट्रोल पम्प डीलर्स से इसमें सहयोग का आह्वान किया।
खान ने विभाग के अधिकारियों को राजकीय वाहनों को भी प्रदूषण जांच की समान प्रक्रिया से गुजारने और नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए।
खान ने बताया कि हाल ही बडोदरा में हुई परिवहन विकास परिषद की 38वीं बैठक में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा राजस्थान को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि विभिन्न प्रदेशों में सभी हितधारकों से विचार-विमर्श और वहां के परिवहन मंत्रियों के साथ मिलकर इस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान सुझाएं।
उन्हाेंंने बताया कि अब लगभग हर माह परिवहन क्षेत्र की कोई न कोई योजना या नवाचार सामने आएगा। इन नवाचारों के जरिए परिवहन के मामले में भी प्रदेश को देशभर में पहले नम्बर पर लाने के प्रयास किए जाएंगे।
परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि वाहन प्रदूषण जांच की ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्णतया पारदर्शी है जिसमें मानवीय हस्तक्षेप की आंशका पूर्णतया खत्म हो गई है।
वाहन जनित प्रदूषण पर प्रभावी रोक लगाने के लिए तकनीकी के माध्यम से यह जानकारी विभाग के पास रहेगी कि कितने वाहनों ने प्रदूषण जांच नहीं कराई है और तब प्रवर्तन द्वारा ऎसे वाहनों पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को स्वच्छ हवा और वातावरण मिले इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा।