2,000 भारतीय उत्पादों को 5 जून से नहीं मिलेगी आयात शुल्क में छूट

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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) से बाहर करने का फैसला 5 जून से लागू हो जाएगा। क्योंकि, भारत ने अपने बाजार में अमेरिका को बराबर और मुनासिब पहुंच उपलब्ध करवाने का भरोसा नहीं दिया है। ट्रम्प ने 4 मार्च को भारत को जीएसपी से बाहर करने का ऐलान किया था। इसके लिए 60 दिन का नोटिस पीरियड तय किया था जो 3 मई को खत्म हो चुका है। जीएसपी के तहत भारत जो उत्पाद अमेरिका भेजता है उन पर वहां आयात शुल्क नहीं लगता।

2017 में भारत को 40,000 करोड़ रु. के सामान पर शुल्क में छूट मिली थी
जीएसपी कार्यक्रम में शामिल विकासशील देशों को अमेरिका में आयात शुल्क से छूट मिलती है। इसके तहत भारत करीब 2000 उत्पाद अमेरिका भेजता है। इन उत्पादों पर अमेरिका में इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगती। भारत 2017 में जीएसपी कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी देश था। उसे अमेरिका में 5.7 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपए) के आयात पर छूट मिली थी।

अमेरिका की दलील है कि भारत अपने कई सामान यूएस में बिना किसी आयात शुल्क के बेचता है, लेकिन भारत में सामान बेचने के लिए अमेरिका को आयात शुल्क चुकाना होता है। अमेरिकी अधिकारी ने गुरुवार को कहा था कि भारत सरकार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी। यह देखना है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में क्या रास्ता निकलता है।

अमेरिका के फैसले पर वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने समाधान पेश किया था लेकिन अमेरिका ने स्वीकार नहीं किया। ऐसे मामलों में अमेरिका और अन्य देशों की तरह भारत भी देशहित का ध्यान रखता है। आर्थिक संबंधों के क्षेत्र में मुद्दे बने रहते हैं जिन्हें समय-समय पर आपसी सहमति से सुलझाया जाता है। ताजा मुद्दा भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। हम अमेरिका के साथ मजबूत रिश्ते जारी रखेंगे।

जीएसपी के तहत भारत इन वस्तुओं का निर्यात करता है
प्रोसेस्ड फूड, लेदर और प्लास्टिक प्रोडक्ट, बिल्डिंग मैटेरियल प्रोडक्ट, हैंड टूल्स, इंजीनियरिंग गुड्स, तकिया-कुशन कवर, महिलाओं के बुने हुए कपड़े, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट, ऑर्गेनिक केमिकल्स, कृषि, समुद्री और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद।

भारत पर क्या असर पड़ेगा?
अमेरिका ने मार्च में जब भारत को जीएसपी से बाहर करने के फैसले का ऐलान किया था तब भारत के वाणिज्य सचिव अनूप धवन ने कहा था कि इस फैसले से ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पिछले साल भारत ने जीएसपी के तहत अमेरिका को 560 करोड़ डॉलर (39,200 करोड़ रुपए) के सामान का निर्यात किया। इस पर सिर्फ 19 करोड़ डॉलर (1,330 करोड़ रुपए) के आयात शुल्क की बचत हुई।

अमेरिका पर असर: वहां की कंपनियों के लिए भी वस्तुएं महंगी होंगी
जीएसपी के तहत भारत मुख्य रूप से सेमी-मैन्युफैक्चर्ड वस्तुओं का निर्यात करता है। इससे अमेरिकी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की लागत कम रखने में मदद मिलती है। भारत को जीएसपी से बाहर करने से अमेरिका में केमिकल उत्पादों के दाम करीब 5% बढ़ेंगे। इससे अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता दोनों प्रभावित होंगे।

जीएसपी कार्यक्रम क्या है?
यह कार्यक्रम 1 जनवरी 1976 को अमेरिका के ट्रेड एक्ट-1974 के तहत शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य दुनिया के विकासशील देशों के बाजारों को सहारा देना था। इसमें शामिल देशों को अमेरिका में उत्पाद बेचने पर किसी तरह का आयात शुल्क नहीं देना होता है। इस कार्यक्रम में भारत समेत 121 देश शामिल हैं।

जीएसपी में शामिल देशों के लिए शर्तें क्या हैं ?
मुकदमा होने पर अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को तरजीह, सामान बनाने में बाल श्रमिकों का इस्तेमाल नहीं हुआ हो, कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना, पेटेंट नियमों को मानना, अमेरिकी कंपनियों को अपने देश में बराबर के मौके देना।