सीमेंट पर जीएसटी 18% होगा, प्रति बैग 25 रु तक का फायदा

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नई दिल्ली। रियल्टी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार सीमेंट पर जीएसटी घटाने पर विचार कर रही है। अभी सीमेंट पर 28% जीएसटी लगता है। इसे 18% किया जा सकता है। अभी 28% जीएसटी के साथ एक बोरी सीमेंट की कीमत 300 रुपए है, तो 18% जीएसटी रेट लगने पर कीमत 275-280 रुपए हो जाएगी। यानी प्रति बैग 20-25 रुपए का फायदा होगा।

28% स्लैब में सिर्फ लग्जरी वस्तुएं रखने का इरादा
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 22 दिसंबर को होनी है। सूत्रों के मुताबिक इसमें 28% जीएसटी स्लैब में आने वाली वस्तुओं पर विचार होगा। 28% स्लैब में सिर्फ लग्जरी और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुएं रखने का इरादा है।

अक्टूबर में जब डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे, तब सीमेंट बनाने वाली कंपनियों ने कहा था कि खर्च बढ़ने की वजह से दाम 10% बढ़ सकते हैं। लेकिन उसके बाद से दो महीने तक डीजल के दाम घटे हैं।

पेंट और वार्निश पर घट चुका है जीएसटी
जीएसटी काउंसिल ने इस साल जुलाई की बैठक में रियल्टी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को राहत देते हुए पेंट और वार्निश पर जीएसटी रेट 28% से घटाकर 18% किया था। इसके अलावा परफ्यूम, कॉस्मेटिक्स, हेयर ड्रायर, शेवर, मिक्सर ग्राइंडर, वैक्यूम क्लीनर और लिथियम आयन बैटरी पर भी रेट 28% से घटाकर 18% किए गए थे।

जीएसटी घटाने से सरकार का टैक्स कलेक्शन कम हो सकता है। सरकार ने पूरे वित्त वर्ष में 13.48 लाख करोड़ रुपए यानी प्रति माह 1.12 लाख करोड़ रुपए जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य रखा है। लेकिन नवंबर तक आठ महीने में सिर्फ 7.76 लाख करोड़ रुपए आए हैं। यानी हर महीने औसतन 97,000 करोड़ रुपए जीएसटी आया है।

डेढ़ साल में 191 वस्तुएं 28% टैक्स स्लैब से बाहर
1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुआ तो 28% टैक्स स्लैब में 226 वस्तुएं थीं। डेढ़ साल में इनमें से 191 वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। अभी 28% जीएसटी स्लैब में 35 वस्तुएं हैं। इनमें सीमेंट के अलावा वाहन, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, टायर, याट, एयरक्राफ्ट, कोल्ड ड्रिंक्स, तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला जैसी वस्तुएं शामिल हैं।

इस वर्ष सीमेंट बिक्री में ग्रोथ 8 साल में सबसे ज्यादा
2018-19 में अप्रैल से सितंबर के दौरान सीमेंट की बिक्री 14% बढ़ी है। 2009-10 के बाद पहली बार इसमें 10% से ज्यादा ग्रोथ दर्ज हुई है। देश में 50 करोड़ टन सीमेंट उत्पादन की क्षमता है। लेकिन अभी 30 करोड़ टन ही उत्पादन हो रहा है।