सरकार जल्द ही लांच करेगी देश का पहला बांड ईटीएफ

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नई दिल्ली। सरकार जल्द ही देश का पहला फिक्स्ड इनकम ईटीएफ पेश करने जा रही है, जो सरकारी कंपनियों के बांड पर आधारित होगा। बांड ईटीएफ का वैश्विक एयूएम एक लाख करोड़ डॉलर का है

गत एक दशक में दुनियाभर में बांड ईटीएफ का बड़ी तेजी से विकास हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में सभी प्रकार के ईटीएफ का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) कुल चार लाख करोड़ डॉलर का है। इसका एक चौथाई हिस्सा यानी, एक लाख करोड़ डॉलर से अधिक का एयूएम सिर्फ बांड ईटीएफ का है।

वहीं, भारत में जागरूकता, पारदर्शिता की कमी और उपलब्धता की दिक्कत जैसी संरचनागत बाधाओं के कारण कॉरपोरेट बांड में आम लोगों की प्रतिभागिता काफी कम है। बांड ईटीएफ इन बाधाओं का समाधान प्रस्तुत कर सकता है और कॉरपोरेट बांड बाजार में छोटे निवेशकों की प्रतिभागिता बढ़ा सकता है।

क्या है बांड ईटीएफ
बांड ईटीएफ एक ऐसा फंड होता है, जो एक्सचेंज में ट्रेड करता है और पारंपरिक बांड म्यूचुअल फंड की तरह बांड में निवेश करता है। एक्टिवली मैनेज्ड डेट फंड के मुकाबले बांड ईटीएफ को कम खर्च पर एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जा सकता है।

बांड ईटीएफ कई तरह से है बेहतर विकल्प
खरीद-बिक्री में आसानी : बांड ईटीएफ की खरीद-बिक्री पारंपरिक बांड की खरीद-बिक्री के मुकाबले आसान होती है। एक तो एक्सचेंज पर इसे आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है। इसके अलावा बड़े निवेशक बास्केट साइज के मल्टीपल में इसे सीधे एएमसी से भी खरीद सकते हैं।

पारदर्शिता : ईटीएफ होने के नाते इस फंड में अधिक पारदर्शिता होती है। इसकी होल्डिंग रोजाना आधार पर डिस्क्लोज की जाती है। इसके अलावा बांड ईटीएफ की लाइव प्राइस दिखती है। निवेशक रोजाना अपने पोर्टफोलियो का फेयर वैल्यू जान पाते हैं।

कम खर्चीला : बांड ईटीएफ चूंकि इंडेक्स का अनुसरण करते हैं इसलिए एक्टिवली मैनेज्ड बांड म्यूचुअल फंड के मुकाबले बांड ईटीएफ में ट्रेड करना कम खर्चीला होता है। बांड ईटीएफ में ट्रेड करने के खर्च के अनुपात का अंतरराष्ट्रीय औसत 0.1-0.2 फीसदी है। जबकि एक्टिवली मैनेज्ड बांड म्यूचुअल फंड के मामले में यह औसत 0.3-0.5 फीसदी है।