समय से पहले ऋण भुगतान पर शुल्क नहीं ले सकते बैंक, RBI का ऐतिहासिक फैसला

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) आम उपभोक्ताओं द्वारा फ्लोटिंग दर पर लिए गए ऋण का समय से पहले भुगतान कर ऋण खाता बंद करने के लिए कोई शुल्क नहीं ले सकतीं।

आरबीआई ने शुक्रवार को दो अलग-अलग अधिसूचना जारी कर बैंकों तथा एनबीएफसी द्वारा इस संदर्भ में वसूले जा रहे शुल्क (फोरक्लोजर चार्ज) पर स्थिति स्पष्ट की है। उसने कहा है कि किसी ‘व्यक्ति’ द्वारा कारोबार से इतर किसी और उद्देश्य के लिए फ्लोटिंग दर पर लिए गए ऋण के लिए बैंक तथा एनबीएफसी समय से पहले भुगतान कर ऋण खाता बंद करने के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकतीं।

केंद्रीय बैंक की इस अधिसूचना से आवास तथा वाहन ऋण लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। कई बार उपभोक्ता पूरा ऋण एक साथ चुकाकर ब्याज बचाना चाहते थे, लेकिन इसके लिए लगने वाला शुल्क इतना अधिक होता था कि अधिकतर उपभोक्ता अपना मन बदल देते थे। साथ ही उच्च शिक्षा तथा निजी ऋण लेने वाले ग्राहकों को भी लाभ होगा।

सात बैंकों पर 11 करोड़ रुपए का जुर्माना
आरबीआई ने सात बैंकों पर अलग-अलग दिशा-निर्देशों और नियमों के उल्लंघन के मामले में कुल 11 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बताया कि उसने इलाहाबाद बैंक तथा बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर दो-दो करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

इन बैंकों के बही-खातों की जाँच के दौरान पाया गया कि इन्होंने चालू खाता खोलने, चालू खातों के परिचालन, बिलों पर डिस्काउंट और पुन: डिस्काउंट, धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग, फंड के अंतिम इस्तेमाल की निगरानी तथा बैलेंस शीट की तिथि पर जमा संबंधी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।