‘शंखनाद’ का दूसरा दिन 3 विश्व रिकॉर्ड के नाम, शोभायात्रा में झलका आध्यात्म का रंग

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अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन का अधिवेशन

कोटा। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की ओर से कोटा के लैण्डमार्क कुन्हाडी क्षेत्र में आयोजित ‘शंखनाद 2022’ का दूसरा दिन ऐतिहासिक रहा। संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी एवं उनकी टीम ने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किए। राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी ने बताया कि विवाह गठबंधन समिति में माहेश्वरी समाज द्वारा अधिकतम बायोडाटा का आदान- प्रदान करने पर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने नाम दर्ज कर प्रमाण पत्र सौंपा।

आशा माहेश्वरी ने बताया कि समाज द्वारा 20,781 से अधिक बायोडेटा का आदान प्रदान किया था। इसी प्रकार भोजन व्यर्थ ना जाए इसकी एकसाथ 1200 सौ लोगो ने सामूहिक शपथ ग्रहण कर और ‘लेम्पिंग विद लाइट’ 1400 लोगों ने एक साथ इलेक्ट्रॉनिक लेम्प से आरती कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस तरह माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा तीन विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किए गए। जिनके प्रमाण पत्र गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्वनोई द्वारा सौपे गए।

गोविंद माहेश्वरी ने बहाई भजनों की सरिता
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की ओर से आध्यात्म व स्वाध्याय के रंग में रंगी दिव्य शोभा यात्रा व झांकी का आयोजन पेराडाइज मल्टीस्टोरी लैण्डमार्क सिटी केनाल रोड से किया गया। शोभायात्रा के मुख्य अतिथि रामनिवास मोदी एवं कोटा व्यापार महासंघ के महामंत्री अशोक माहेश्वरी उद्घाटन कर्ता गोविंन्द माहेश्वरी एवं रामकुमार भूतडा रहे।
शोभायात्रा में पूर्वांचल से भगवान जगन्नाथ, पश्चिमांचल से श्रीनाथजी, मध्यांचल से भगवान द्वारकाधीश, उत्तराचंल से बद्रीनाथ व दक्षिणाचंल भगवान श्रीरामेश्वरम की झांकी निकाली गई। जिसमें महिलाएं आंचलिक वेशभूषा व पुरुष सफेद कुर्ता पायजामा में भगवान के जयकारे लगाते चल रहे थे। इस अवसर पर एलन के डायरेक्टर गोविंद माहेश्वरी भजनों के रस से भक्तों को सराबोर कर रहे थे।

गीता पर आधारित स्लोगन प्रतियोगिता
शोभायात्रा में गीता पर आधारित स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें गीता के विभिन्न श्लोकों का अर्थरूपी बैनर लेकर महिलाएं व पुरुष चल रहे थे। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर महाराष्ट्र रहा। दूसरे स्थान पर पूर्वी मध्य प्रदेश, तृतीय स्थान पर कोलकता, चतुर्थ स्थान पर पश्चिमी राजस्थान व पंचम स्थान पर मध्य उत्तर प्रदेश रहा।

तनाव मुक्त जीवन जीने कला बताई
शंखनाद में इंदौर से आई बह्मा कुमारी बहन पूनम गट्टानी ने देश विदेश से पुंहची महिलाओं को तनावमुक्त जीवन जीने कला को बताया। दिनचर्या में स्प्रिच्यूल को स्थान देकर आत्मा से परमात्मा के मिलन का सार मंच से बताया। उन्होने कहा कि आज तनाव व दुख की एक वजह सदैव दूसरों के कार्यों व कर्मों को देखना होता है। मनुष्य यदि अपने कार्यों व कर्मों की गिनती करे, तो वह अपने दुखों को समाप्त कर देगा। कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया से आई नीता कमल भूतडा मुख्य अतिथि रही।

कवयित्रियों ने बांधा समां
समिति प्रभारी मंजू मानधना ने बताया कि शंखनाद के दूसरे दिन आयोजित 11 से अधिक राज्य की 22 कवयित्रियों ने हर रस व क्षेत्र की बात अपने सुरीले अंदाज में मंच से कहकर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कवयित्रियों ने मंच से भ्रष्टाचार, व्यर्थ धन प्रदर्शन, दान के महत्व, मीडिया के बदलते स्वरूप, प्रेम, वर्तमान समाज की परिपाटी, रिश्तों के ताने- बाने, धर्म और दिखावा विश्व पर कविता पाठ किया।