वसुंधरा के राजनीतिक स्वार्थों की भेंट चढ़ गई भंवरासा बांध की ऊंचाई

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कालीसिंध नदी पर बना बांध।

वरिष्ठ विधायक भरत सिंह की बांध की ऊंचाई बढ़ाने की मांग

-कृष्ण बलदेव हाडा –
कोटा। राजस्थान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर ने आरोप लगाया कि कालीसिंध पर बने भंवरासा बांध की ऊंचाई बढ़ाने का मसला प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजनीतिक स्वार्थों की भेंट चढ़ गया है।

श्री भरत सिंह ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यदि इस बांध की ऊंचाई बढ़ाई जाती है तो इससे श्रीमती राजे के विधानसभा क्षेत्र झालरापाटन के कुछ गांव डूब में आते और इसका उन पर प्रतिकूल राजनीतिक असर पड़ता। इसलिए उनके शासनकाल के दौरान इस बांध की ऊंचाई को बढ़ने नहीं दिया गया।

श्री सिंह ने कहा कि कालीसिंध बांध का निर्माण कार्य वर्ष 2013 में पूर्ण हो चुका था। उस समय सांगोद विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य विधायक थे। वर्ष 2014 में पहली बार कालीसिंध बांध में पानी रोका गया। इस बांध से झालावाड़ जिले के कालीसिंध सुपर थर्मल पावर प्लांट को पानी प्राप्त होता है, जबकि इस बांध से कोटा जिले के कनवास एवं सांगोद तहसील के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलना था।

लेकिन, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस परियोजना का स्वरूप ही बदलते हुए इस बांध की ऊंचाई को बढ़ाने से रोक दिया। क्योंकि श्रीमती राजे नहीं चाहती थी कि इस बांध की ऊंचाई बढ़े।

इसका कारण स्पष्ट था कि यदि ऊंचाई बढ़ती तो उनकी विधानसभा सीट झालरापाटन के कुछ गांव डूब में आते और इसका सीधा-सीधा उन्हें राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ता। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भंवरासा बांध का स्वरूप ही बदल डाला।

श्री सिंह ने इस बात को लेकर गहरी नाराजगी प्रकट की कि उस समय संसद से लेकर सांगोद विधानसभा तक भारतीय जनता पार्टी का जनप्रतिनिधित्व था और वे सब जन प्रतिनिधि कोटा जिले की कनवास और सांगोद तहसील के किसानों के साथ भंवरासा बांध की ऊंचाई नहीं बढ़ाए जाने की वजह से हो रहे अन्याय को देखते रहे।

इनमें से किसी ने भी श्रीमती राजे की राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए बांध की परियोजना के स्वरूप को बदलने की कोशिश का कतई भी विरोध नहीं किया। श्री सिंह ने कहा कि पिछले करीब एक दशक की लेटलतीफी के कारण भंवरासा बांध की लागत लगातार बढ़ती जा रही है।

अब से करीब 10 साल पहले जो लागत 1301 करोड़ रुपए थी, वह अब बढ़कर चुनाव से 1462 करोड रुपए हो गई है। लेकिन बांध की 3.25 मीटर ऊंचाई बढ़ाने की दिशा में केंद्रीय स्तर पर कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि प्रयास नहीं कर रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सही कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी काम कम करती है, मार्केटिंग अधिक करती है। उन्होंने केंद्रीय नेताओं को एक पत्र भेजकर कालीसिंध नदी के भंवरासा बांध की ऊंचाई बढ़ाने का अनुरोध किया है। ताकि, कोटा जिले के कनवास और सांगोद तहसील के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके।