राजस्थान / हैड कांस्टेबल, कांस्टेबल एक लाख की रिश्वत लेते पकड़े

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भीलवाड़ा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की विशेष शाखा ने प्रतापनगर थाने के हैड कांस्टेबल सहीराम विश्नाई और कांस्टेबल ओमप्रकाश चौधरी को रविवार को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते एक होटल से गिरफ्तार किया। यह राशि थानाप्रभारी एवं निरीक्षक चैनाराम चौधरी के नाम से ली जा रही थी। धोखाधड़ी के मामले में थाना पुलिस तीन जनों को जयपुर से हिरासत में लेकर आई थी। हिरासत में लिए एक व्यक्ति को छोडऩे की एवज में रिश्वत मांगी। एसीबी CI चौधरी की भूमिका भी जांच रही है।

ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजराजसिंह चारण ने बताया कि टोंक के डिग्गी निवासी वकील नवीन टांक ने एसीबी को शिकायत दी। बताया कि धोखाधड़ी का मामला प्रतापनगर थाने में दर्ज हुआ। जांच थानाप्रभारी चैनाराम के पास थी। थाने से एक टीम जयपुर गई और परिवादी के मित्र सवाईमाधोपुर निवासी शरीफ खां समेत तीन जनों को हिरासत में लेकर भीलवाड़ा ले आई।

तीनों को तीन दिन से अवैध रूप से थाने में बैठा रखा था। पुलिसकर्मियों ने छोडऩे के लिए शरीफ खां की नवीन से बात कराई। नवीन शनिवार को प्रतापनगर थाने पहुंचे। वहां पुलिसकर्मी विश्नोई व चौधरी ने शरीफ खां को छोडऩे के लिए सौदेबाजी शुरू की। सीआई के नाम पर दस लाख रुपए की मांग की।

हाईकोर्ट में वकील नवीन ने जयपुर में एसीबी आईजी दिनेश एमएन को फोन पर रिश्वत मांगने की जानकारी दी। आईजी ने मामला भीलवाड़ा एसीबी को भेजा। नवीन शनिवार को सत्यापन के लिए थाने पहुंचा। तब हैड कांस्टेबल सहीराम और सिपाही ओमप्रकाश मिल गए। सत्यापन के दौरान तीन लाख रुपए में सौदा हुआ। दो लाख रुपए हाथों-हाथ ले लिए। एक लाख रुपए के लिए एक दिन का समय दिया।

सत्यापन के बाद एएसपी चारण के नेतृत्व में जाल बिछाया गया। परिवादी नवीन एक लाख रुपए लेकर चित्तौडगढ़़ रोड स्थित होटल में पहुंचा। वहां सिपाही ओमप्रकाश चौधरी मिल गया। एक लाख रुपए लेते ही एसीबी ने उसे दबोच लिया। दीवान सहीराम को थाने से पकड़ा। दोनों को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को भीलवाड़ा एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा।