राजस्थान / नागरिकता संशोधन बिल पास होने पर पाक विस्थापितों ने दीप जलाए

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जोधपुर। नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास होते ही जोधपुर में रह रहे हजारों पाक विस्थापित परिवारों ने राहत की सांस ली। गंगाणा रोड पर अल्कोसर कैंप, महादेव विस्थापित नगर में तो जश्न मनाया गया। कुछ बच्चों ने पटाखे छाेड़े तो कुछ डीजे पर नाचे। आतिशबाजी के बाद घर-घर मिठाइयां बांटी गईं।

पाक विस्थापित हिंदू, सिक्ख व ईसाई सहित छह धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता के मामले में दाे दिन पहले लोकसभा और अब राज्यसभा ने बड़ी राहत दी है। इस बिल ने नागरिकता हासिल करने के लिए देश में बिताने वाले समय में भी कटौती कर दी है। अब 11 साल की जगह छह साल ही भारत में रहने के बाद नागरिकता की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

अल्कोसर कैंप में संगीता ने घर-घर जलाए दीप
अल्कोसर कैंप में संगीता घर-घर दीप जला रही थी। पिता बीरबल उसे डांट रहे थे, कह रहे थे कि 11 बजने को है अंदर आ जा। संगीता ने कहा कि अभी कुछ घरों के बाहर दीये जलाना बाकी है। बीरबल का कहना था कि छह साल से यहां हैं। बच्चे तो समझते नहीं है, लेकिन यह जरूर है कि बड़ी राहत मिली है।

भंवर बोले- पाक में धर्म परिवर्तन करवा देते थे
आठ साल की दिव्या जब दाे साल की थी, तब पिता भंवर के साथ भारत आई थी। बहन का जन्म यहीं हुआ। भंवर से पूछा यहां क्यों आए..? तो भावुक हो गए। वहां के लोग हिंदू बहन-बेटियों को उठाकर ले जाते थे। धर्म परिवर्तन करवा देते थे। ये घटना मेरी बेटी के साथ न हो यह डर भारत खींच लाया। दिव्या भी फुलझड़ी लिए नाच रही थी।

मासूम को लगा- शायद कोई त्योहार है
पांच साल का अजय भी खुश नजर आया। अजय से पूछा वह क्यों नाच रहा है तो उसने कहा कि पापा और मां बहुत खुश हैं। घर में पटाखे जलाए और बस्ती में मिठाइयां बांटी। …शायद कोई त्योहार है। अजय के पिता ने कहा कि अजय का जन्म पाकिस्तान में हुआ और तीन माह में वे यहां आ गए। थे। अब परिवार की नागरिकता जल्दी मिल सकेगी।

सीमांत लोक संगठन के संघर्ष का जिक्र
पाक विस्थापितों की नागरिकता के लिए कई दशक से संघर्ष कर रहे सीमांत लोक संगठन और इसके अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा द्वारा समय-समय पर गरीब तबके के लिए आवाज उठाने का जिक्र बुधवार को राज्यसभा में भी हुआ। गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पर चल रही चर्चा के दौरान सदन में पाक विस्थापितों की पीड़ा बताते हुए सोढ़ा के संघर्ष का उल्लेख किया।

इस पर सोढ़ा का कहना है कि वे किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य पाकिस्तान में प्रताड़ित होकर भारत आने वाले विस्थापितों की मानवाधिकार के दायरे में रहकर मदद करना है। उन्हें नागरिकता मिलेगी तो वे अपना जीवनयापन भी आसानी से कर सकेंगे। मौजूदा हालात में इन विस्थापितों का हर तरफ शोषण हो रहा है और वे इसे खत्म करने की मुहिम लगातार जारी रखेंगे।