राजस्थान की गहलोत सरकार वीक, इसलिए हो रहे पेपर लीक: अर्जुनराम मेघवाल

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कोटा। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि राज्य में जितने भी पेपर हुए हैं, वे सभी लीक हुए हैं। यह इस साल का यह अंतिम पेपर था, सोच रहे थे कि कुछ सरकार ने सीखा होगा, फिर लीक हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार वीक है, इसलिए पेपर लीक हुआ है। मेघवाल शनिवार को लघु उद्योग भारती की ओर से कोटा में आयोजित आंचलिक उद्यमी सम्मेलन में भाग लेने कोटा आये थे।

इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए क​हा कि पेपर लीक होने का मतलब है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। अपराधियों में किसी तरह का कोई खौफ नहीं है। प्रदेश में सरकार अस्थिर है। बीते 4 साल से यह हालत बने हैं। यह सोचते रहते हैं कि कभी सचिन पायलट आ जाएंगे, इस सरकार को गिरा देंगे। इस कारण से कानून व्यवस्था बिगड़ गई। पिछड़े वर्ग व महिलाओं के खिलाफ प्रताड़ना बढ़ गई है। विकास व गवर्नेंस गायब है। जब उनसे पूछा गया कि गहलोत ने इसे पेपर लीक नहीं माना है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकार वीक है, तब ही पेपर लीक है.

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में नंबर की एवज में अस्मत मांगने के मामले पर मंत्री मेघवाल ने कहा कि थानागाजी से ही शुरू हो जाइए, जब यह सरकार आई है, तब से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार में वृद्धि हुई है। ईआरसीपी पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का बजट राजस्थान सरकार को पूरा मिल रहा है। किसी भी योजना में यह नहीं कह पा रहे हैं कि बजट नहीं दिया है। जबकि ये बजट को डाइवर्ट कर देते हैं। ईआरसीपी का मुद्दा राजस्थान व मध्यप्रदेश के कांटेक्ट का मामला है। जब एमपी में कमलनाथ की सरकार थी, तब काम नहीं किया, लेकिन अब राजनीति कर रहे हैं।

मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी एनपीए का मामला समझते नहीं हैं। वे लगातार एनपीए का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन एनपीए का जो मुद्दा यूपीए-1 व 2 से लेकर सभी सरकारों में रहा है। निर्मला सीतारमण भी बतौर वित्तमंत्री कई बार राहुल गांधी को संसद में समझा चुकी हैं, लेकिन वह समझना ही नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एमपीए को कागजी प्रक्रिया यानी बैलेंस शीट निकाला जाता है, लेकिन वसूली नहीं रुकती है। जबकि उसकी रिकवरी कोर्ट और अन्य माध्यम से जारी रहती है, यह बात राहुल गांधी नहीं समझते हैं।

राहुल गांधी इससे अलग अडाणी व अम्बानी पर ही आरोप लगाते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जन विश्वास बिल लेकर आए हैं। बहुत सारे बिंदु इसमें आ रहे हैं. जिनमें कॉपीराइट, पैकेजिंग, मोटर व्हीकल समेत 19 एक्ट इसमें आ रहे हैं. उद्यमियों की समस्याओं को इसमें से हटाया जा रहा है। यह कोटा की मीटिंग इसके लिए माइलस्टोन बनेगी।