प्राचीन काल में इंजीनियर का नाम भी शिलापट्ट पर लिखा जाता था: भरतसिंह

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राजस्थान कौंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स का दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन शुरू

कोटा। राजस्थान कौंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स का 19वां दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन शनिवार से सुभाष नगर स्थित पोरवाल सामुदायिक भवन पर प्रारंभ हुआ। अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में सांगोद विधायक भरतसिंह मुख्य अतिथि रहे।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकास की नींव रखने का काम डिप्लोमा इंजीनियर करते हैं। देश के विकास में योग्य इंजीनियरों का महत्वपूर्ण योगदान है। अच्छी सड़क योग्य इंजीनियर बनाता है, लेकिन क्रेडिट मंत्री को मिलती है। अच्छा काम करने वाले की कद्र रिटायरमेंट के बाद भी होती है।

उन्होंने एक पुराने ब्रिज के बारे में बताते हुए कहा कि प्राचीन काल में बनाने वाले इंजीनियर का नाम भी शिलापट्ट पर लिखा जाता था, मैंने मंत्री रहते ऐसा करने का प्रयास किया तो बताया गया, सरकार के इस प्रकार के आदेश नहीं हैं। डिप्लोमा और डिग्री के अंतर से योग्यता पर कोई अंतर नहीं पड़ता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में इंजीनियर का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। देश को आगे ले जाने के कार्य इंजीनियर की मेहनत, निष्ठा और लगन से ही समय पर पूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि डिप्लोमा इंजीनियर्स के वेतन विसंगति का मामला विधानसभा में उठाएंगे। असमानता को संतुलित किया जाना चाहिए तथा पदोन्नति के समान अवसर मिलने चाहिए। दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वालों को पूरा वेतन नहीं देना अन्याय है।

प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए जोन प्रेसीडेंट डीपी चौधरी ने कहा कि विगत वर्षो में अभियंताओं की सेवा संबंधी कुछ सममस्याओं का समाधान हुआ है। वह आवश्यकता एवं अपेक्षाओं की तुलना में बहुत कम है। संगठन द्वारा डिप्लोमा अभियंताओं की सेवा शर्तो में सुधार जैसे पदनाम, कनिष्ठ अभियंता, नियमित चयन, स्थाईकरण, वरिष्ठता निर्धारण, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकों के आयोजन आदि समस्याओं का समाधान हो सका है।

आज भी जल संसाधन एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों में अनेक कनिष्ठ अभियंताओं को उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित नहीं किया गया है। जिससे उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक एवं नियमितीकरण दिनांक में 10 से 15 वर्ष का अन्तराल पैदा हो गया है। जिसके कारण राज्य सरकार द्वारा उन्हें प्रदान की जा रही चयनित वेतनमान की सुविधा का लाभ उनकी सेवा के आधार प्रथम नियुक्ति दिनांक से प्राप्त नहीं हो रहा है। जिससे उन्हें लाखों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

परामर्शदात्री समिति के चेयरमेन बलवंत सिंह हाड़ा ने कहा कि छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर राजस्थान में कनिष्ठ अभियंता का वेतनमान 9300-34800 रुपये ग्रेड पे 3600 रूपये किया गया है। जबकि, केन्द्र में इसी पद पर ग्रेड 4200 रुपये है एवं पंजाब, उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों में कनिष्ठ अभियंता का ग्रेड 4800 रुपये है। यह विसंगति दूर होनी चाहिए।

इस अवसर पर रमेश गुप्ता, नमोनारायण शर्मा, हरिसूदन शर्मा, दिनेशचंद जैन, रामरतन सामरिया, हंसा त्यागी, विमलचंद जैन, वैद्य पत्तासिंह सोलंकी, पवन सिंह, दीक्षांत मित्तल, भूरी सिंह, विजेंद्र मीणा, बनवारी मीना, श्रवण कुमार, अशोक महावर, दीपांशु चौधरी, मुरारी मीणा, विकास व्यास, विमल कुमार नागर, अशोक बमनावत, वेदप्रकाश मीणा, भंवरलाल महावर, विनीता सोनी, भारती धाकड़, प्रीति गौतम, आरती मीणा, शिवकुमारी समेत प्रदेश भर से राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भू-जल विभाग, पंचायत एवं विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, आवासन मण्डल जैसे विभिन्न विभागों, निकायों एवं निगम में कार्यरत अभियंता मौजूद रहे।