नई दिल्ली। राजनीतिक समीकरण और FII के रुख से तय होगी आगामी सप्ताह शेयर बाजार की दिशा। डॉलर की तुलना में रुपए की स्थिति पर निवेशकों की नजर रहेगी। निवेशक इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बदलते राजनीतिक समीकरणों पर भी अपना ध्यान रखेंगे।
बीते सप्ताह रुपया डॉलर की तुलना में 15 पैसे मजबूत हुआ है। इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से बढ़ा। देश का विदेशी मुद्रा भंडार गत 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में लगातार पांचवीं साप्ताहिक तेजी दर्ज करता हुआ 3.60 अरब डॉलर बढ़कर 405.63 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
29 मार्च को वित्तीय घाटे के आंकड़े जारी होने हैं, जिसका असर शेयर बाजार पर रहेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का असर भी शेयर बाजार पर रहेगा। ब्रेंट क्रूड वायदा फिलहाल 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बना हुआ, जिससे निवेश धारणा को मजबूती मिली है। जापान के आर्थिक आंकड़े पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
निवेशक इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बदलते राजनीतिक समीकरणों पर भी अपना ध्यान रखेंगे। कई राजनीतिक दलों ने बीते सप्ताह कई लोकसभा सीटों के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
विश्लेषकों के मुताबिक अगली बार भी नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में वापस आने की अधिक संभावना को देखते हुए विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घरेलू शेयर बाजार में बढ़ी हुई है और इसी वजह से इसमें लगातार पांचवें सप्ताह तेजी रही है। हालांकि, बाजार में बीते सप्ताह मुनाफावसूली भी हावी रही जिससे इसमें अपेक्षाकृत कम तेजी रही।